बीजिंग: रूस में उत्तर कोरिया सेना पहुंचने के बाद ब्रिटेन भी घबरा गया है। अब आशंका है कि उत्तर कोरिया के बाद कहीं चीन भी रूस में अपनी सेना न भेज दे। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने चीन द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को दिए जा रहे समर्थन पर शुक्रवार को चिंता जताई है। उन्होंने अपने चीनी समकक्ष से आग्रह किया कि वह अपने देश की कंपनियों को रूसी सेना को उपकरणों की आपूर्ति करने से रोकें। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डैविड लैमी ने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ शुक्रवार को बैठक की थी।
बता दें कि अभी एक दिन पहले ही उत्तर कोरियाई सैनिकों के रूस पहुंचने का वीडियो वायरल हो रहा है। इसे यूक्रेन और दक्षिण कोरिया की ओर से जारी किया गया है। वीडियो में दावा किया गया है कि रूस में उत्तर कोरिया ने अपने सैनिकों को यूक्रेन के खिलाफ भेजा है। इसके बाद अब चीन से भी खतरा सताने लगा है। ऐसे वक्त में डेविड लैमी चीन की यात्रा पर हैं। वह जुलाई में ‘लेबर पार्टी’ के सत्ता में आने के बाद चीन की यात्रा करने वाले पहले कैबिनेट मंत्री हैं। उन्होंने चीन के उप प्रधानमंत्री डिंग श्वेशियांग से शुक्रवार को मुलाकात की तथा उसी दिन बाद में विदेश मंत्री वांग यी से भी बातचीत की।
बीजिंग की 2 दिवसीय यात्रा पर हैं लैमी
ब्रिटेन के विदेश मंत्री बीजिंग के साथ संबंधों को सुधारने के प्रयासों के तहत चीन की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। दरअसल, जासूसी के आरोपों, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का समर्थन करने और हांगकांग में आम नागरिकों की स्वतंत्रता का दमन के मुद्दे पर दोनों देशों के संबंधों में खटास पैदा हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि ब्रिटेन की सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि चीन के साथ संबंध ‘‘व्यावहारिक और आवश्यक’’ हैं। उन्होंने बताया कि लैमी ने हांगकांग एवं चीन के सुदूर-पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकार संबंधी चिंताओं और रूस सहित जटिल मुद्दों को उठाया।
चीन से किया अनुरोध
विदेश मंत्रालय द्वारा बैठक के बाद जारी बयान के अनुसार, ‘‘लैमी ने कहा कि ब्रिटेन और चीन का यूरोपीय शांति और युद्ध की समाप्ति में साझा हित है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मदद करने के लिए चीन द्वारा रूस को दिए जा रहे उपकरणों की आपूर्ति के कारण यूरोपीय देशों से चीन के संबंधों पर असर पड़ सकता है।’’ बयान में कहा गया कि लैमी ने वांग से ‘‘चीनी कंपनियों को रूसी सेना को आपूर्ति करने से रोकने और जांच के लिए सभी कदम उठाने’’ का आग्रह किया। इसमें बताया गया कि दोनों देशों के विदेश मंत्री रूस के मुद्दे तथा पश्चिम एशिया में हो रहे संघर्ष जैसे अन्य भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा जारी रखने पर सहमत हुए। (एपी)
यह भी पढ़ें
याह्या सिनवार की मौत के 72 घंटे बाद नेतन्याहू के आवास पर ड्रोन हमला, मचा हड़कंप