लंदन: बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी लगातार हिंसा से हालात बद से बदतर हो गए हैं। यहां रहना अब सिर्फ हिंदुओं के लिए ही नहीं, बल्कि दूसरे देश के नागरिकों के लिए भी सुरक्षित नहीं रह गया है। ब्रिटेन ने भी मान लिया है कि बांग्लादेश के हालात बेहद बिगड़ चुके हैं। इसलिए ब्रिटिश सरकार ने बांग्लादेश में अपने नागरिकों को लेकर जारी परामर्श को अद्यतन करते हुए ब्रिटिश नागरिकों को वहां की यात्रा न करने की सलाह दी है।
विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने बांग्लदेश लिए जारी परामर्श के सुरक्षा खंड की मंगलवार शाम समीक्षा की। अद्यतन परामर्श में “आवश्यक यात्रा” को छोड़कर किसी भी तरह की यात्रा करने के प्रति आगाह किया गया है। एफसीडीओ के यात्रा परामर्श में कहा गया, “बांग्लादेश में आतंकवादी हमले का प्रयास कर सकते हैं।” परामर्श के अनुसार, “कई जगह आतंकवादी हमले होने की आशंका है, जिनमें वे स्थान भी शामिल हो सकते हैं, जहां विदेशी नागरिक जाते हैं, जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके, धार्मिक स्थल, (और) राजनीतिक रैलियां आदि। कुछ समूहों ने ऐसे लोगों को निशाना बनाया है जिनके बारे में उनका मानना है कि उनके विचार और जीवनशैली इस्लाम के विपरीत हैं।”
ब्रिटेन ने माना हिंदुओं पर किए जा रहे घातक हमले
ब्रिटेन के परामर्श में कहा गया, “धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों और पुलिस व सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर हमले किए गए हैं। इनमें प्रमुख शहरों में आईईडी हमले शामिल हैं। बांग्लादेशी अधिकारी योजनाबद्ध हमलों को विफल करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।” बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के पूर्व पदाधिकारी चिन्मय कृष्ण दास को राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से तनाव का माहौल है। इससे पहले, ब्रिटेन की हिंद-प्रशांत मामलों की मंत्री कैथरीन वेस्ट ने सोमवार को ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में कहा था, ‘‘हम जाने-माने हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार की चिंता से अवगत हैं। ब्रिटेन का विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) इन घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए है। (भाषा)