सेंट पीटर्सबर्ग: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इन दिनों रूस के दौरे पर हैं। वे सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स एनएसए बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। दिन के पहले भाग में सत्रों के दौरान उन्होंने आतंकवाद सहित आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों को हल करने की जरूरत पर जोर दिया। इससे पहले उन्होंने 2023 में जोहान्सबर्ग में 13वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में भाग लिया था। पिछले वर्ष पांच नए सदस्य सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, मिस्र और इथियोपिया को समूह में शामिल किया गया था। इसके बाद यह पहली ब्रिक्स एनएसए बैठक हो रही है।
BRICS समिट से पहले एनएसए लेवल की बैठक काफी अहम
इस बात की चर्चा है कि इस बैठक का मुख्य फोकस रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने पर होगा। इस बैठक के माध्यम से दोनों देशों के बीच एक बार फिर से शांति वार्ता कराने की कोशिश की जा सकती है। अक्टूबर में होनेवाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले एनएसए लेवल की यह बैठक काफी अहम है।
अक्टूबर में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे पीएम मोदी
अक्तूबर में रूस में होनेवाले ब्रिक्स सम्मेलन में नरेंद्र मोदी का जाना लगभग तय है। इससे पहले नरेंद्र मोदी रूस और यूक्रोन की यात्रा कर चुके हैं। उधर, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी भी कह चुकी हैं रूस-युक्रेन संघर्ष को सुलझाने में भारत अहम भूमिका निभा सकता है।
रूस-यूक्रेन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है भारत
रूस के राष्ट्रपति वलादिमीर पुतिन ने 5 सितंबर को एक चर्चा में कहा था कि भारत, ब्राजील और चीन मध्यस्थ के तौर पर रूस-यूक्रेन जंग के समाधान में अहम भूमिका निभा सकते हैं। पुतिन से जब यह सवाल किया गया कि वो कौन से देश हैं जो रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं, तब उन्होंने भारत, ब्राजील और चीन का नाम लिया था। बता दें कि ब्रिक्स दुनिया के पांच देशों का एक ग्रुप है जिन्हें दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्था के तौर पर जाना जाता है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है।