Brahmos Missile News: भारत की ब्रह्मोस मिसाइल से चीन और पाकिस्तान हमेशा से ही खौफ खाते रहे हैं। इसी बीच भारतीय नौसेना ने हाल के समय में ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता को और बढ़ाया ह और एक्सटेंडेड रेंज ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस सफल परीक्षण के साथ ही ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता बढ़कर अब 900 किलोमीटर तक पहुंच गई है। बड़ी बात यह है कि इस अपग्रेडेशन को पहले से मौजूद ब्रह्मोस मिसाइल के जखीरे पर भी लागू किया जा सकता है। इससे चीन और पाकिस्तान की टेंशन बढ़ सकती है।
भारतीय नौसेना ने 24 जनवरी को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से जमीन पर मौजूद एक लक्ष्य को सफलतापूर्वक मार गिराया था। भारत ने इस मिसाइल परीक्षण के लिए जो एरिया वॉर्निंग (NOTAM) जारी किया था, उसकी लंबाई करीब 900 किलोमीटर थी। यह ब्रह्मोस मिसाइल के परीक्षण के लिए सबसे लंबी ज्ञात एरिया वॉर्निंग है। इससे यह संकेत मिला है कि ब्रह्मोस मिसाइल अब 900 किमी तक की दूरी तक पहुंचने में सक्षम है।
भारत और रूस की संयुक्त परियोजना है ब्रह्मोस
ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण भारत और रूस के बीच एक संयुक्त परियोजना के जरिए किया गया है। शुरू में इस मिसाइल की रेंज सिर्फ 290 किलोमीटर तक ही सीमित थी। क्योंकि तब भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR) का भागीदार नहीं था। भारत 2016 में सदस्य बना और मार्च 2017 तक मिसाइल की 400 किमी से अधिक की मारक क्षमता का प्रदर्शन किया। फिर इसकी रेंज को और बढ़ाया गया। इसे फाइटर जेट में भी तैनात किया जा सकता है।
पाकिस्तान के ये इलाके भी आए ब्रह्मोस की जद में
ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने खुद बताया था कि वह ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज को 900 किलोमीटर तक करने पर काम कर रहा है। 2016 के बाद से रेंज में तीन गुना वृद्धि इसलिए भी उल्लेखनीय है, क्योंकि इस विस्तार को ब्रह्मोस मिसाइल के सभी वेरिएंट पर लागू किया जा सकेगा। ब्रह्मोस मिसाइल का नया वेरिएंट पूरा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, सियालकोट, लाहौर, गुजरांवाला, कसूर, बहावलनगर, रहीम यार खान जैसे जगहों पर मिलिट्री ठिकानों को आसानी से निशाना बना सकता है।
चीन के ये इलाके भी होंगे जद में
इसके अलावा चीन के कब्जे वाले अक्साई चिन में मौजूद चीनी सेना के ठिकाने भी इसके जद में होंगे। ब्रह्मोस का एक्सटेंडेड वेरिएंट अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटे न्यांगची, सिक्किम से सटे कम्बा काउंटी, उत्तराखंड से सटे गीरंग काउंटी के आसपास स्थित चीनी सेना के ठिकानों और भारतीय सीमा के करीब से गुजरने वाले जी219 हाइवे को भी निशाना बना सकता है।