भारत में गुजरात के समुद्री तट कच्छ से टकराने के बाद बिपरजॉय ने भारी तबाही मचाई है। हालांकि पहले से सतर्कता के चलते जान-माल का अधिक नुकसान नहीं हुआ है। गुजरात के समद्री तट से टकराने के बाद अब यह भीषण तूफान पाकिस्तान की ओर चल पड़ा है। इससे पाकिस्तान सरकार के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार बिपरजॉय पाकिस्तान में भारी तबाही मचा सकता है। हालांकि पाकिस्तान आपदा प्रबंधन, प्रतिक्रिया, बचाव और निकासी उपायों के लिए हाई अलर्ट पर है। बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुरुवार शाम को पहुंचने करने वाला है।
पाकिस्तान में पिछले 24 घंटों से प्रशासन हाई अलर्ट पर होने का दावा कर रहा है। हजारों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मगर पाकिस्तानियों की इसके बारे में सुनकर ही हालत खराब हो रही है। कुछ विषेषज्ञ यह भी कह रहे हैं कि बिपरजॉय गति में धीमा होने के कुछ संकेत दिखा रहा है और कराची से दूर जाते हुए एक अपेक्षित मोड़ भी ले रहा है। हालांकि, केटी बंदर, बादिन और थट्टा लैंडफॉल का पहला हिट हो सकता है। पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के अनुसार, हवा की गति के साथ-साथ चक्रवात के आने का अपेक्षित समय भी कुछ गति खो रहा है।
170 किलोमीटर प्रति घंटा से कम हुई तूफान की दर
बिपरजॉय के बाद हवा की रफ्तार 170 किमी प्रति घंटे से कम होकर लगभग 120 से 140 किमी प्रति घंटे हो गई है। जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि चक्रवात बिपरजॉय धीमा हो गया है, लेकिन तीव्रता बनी हुई है। अब रात होने से पहले यह लैंडफॉल नहीं करेगा। पीएमडी ने कहा कि चक्रवात के केटी बंदर और भारत के गुजरात के बीच शाम तक पहुंचने की उम्मीद थी। लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, चक्रवात कराची से लगभग 210 किमी, थाटा से कम से कम 225 किमी, दक्षिण व केटी बंदर से लगभग 145 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में है।
पाकिस्तान ने 2 लाख लोगों को सुरक्षित ठिकानों की ओर पहुंचाया
पाकिस्तानी सेना, रेंजर्स और बचाव अधिकारियों ने अब तक 200,000 से अधिक लोगों को निकाला है। रहमान ने कहा कि पिछले 72 घंटों में कम से कम 72,000 लोगों को निकाला गया है। पीएमडी अलर्ट में कहा गया है, सिंध के थट्टा, सुजावल, बादिन, थारपारकर, मीरपुरखास और उमरकोट जिलों में 15 से 17 जून के बीच तेज हवा, आंधी और भारी बारिश की संभावना है। सिंध तट के साथ समुद्र की स्थिति बलूचिस्तान तट के साथ बहुत खराब/ऊंची और खराब/बहुत खराब हो सकती है। रहमान ने कहा, चक्रवात की दिशा हर घंटे बदल रही है। इसके लैंडफॉल की अवधि परिवर्तनशील है और 15-16 जून के बीच आगे बढ़ी है। कम से कम 17 स्टेशन इसकी निगरानी कर रहे हैं। बिपरजॉय वर्तमान में दुनिया में सबसे अधिक निगरानी वाला तूफान है। (IANS)