Monday, December 16, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. भारत आना चाहते हैं बिलावल भुट्टो, दो धड़ों में बंटा पाकिस्तान, जानिए क्या फंस रहा पेंच?

भारत आना चाहते हैं बिलावल भुट्टो, दो धड़ों में बंटा पाकिस्तान, जानिए क्या फंस रहा पेंच?

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आना चाहते हैं, लेकिन पाकिस्तान के साथ एक परेशानी यह है कि यदि पाकिस्तान इस न्योते को स्वीकार करेगा तो चीन नाराज न हो जाए। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार भारत ने बिलावल और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को भारत आने का न्योता भेजा है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Mar 27, 2023 16:51 IST, Updated : Mar 27, 2023 18:44 IST
भारत आना चाहते हैं बिलावल भुट्टो, दो धड़ों में बंटा पाकिस्तान, जानिए क्या फंस रहा पेंच?- India TV Hindi
Image Source : FILE भारत आना चाहते हैं बिलावल भुट्टो, दो धड़ों में बंटा पाकिस्तान, जानिए क्या फंस रहा पेंच?

Pakistan on SCO Summit: भारत ने पाकिस्तान के बड़बोले विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और रक्षा मंत्री ख्‍वाजा आसिफ को भारत आने का निमंत्रण दिया है। भारत में शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और आसिफ को न्योता भेजा गया है। दरअसल, भारत में होने जा रहे इस सम्मेलन को लेकर पाकिस्तान की सांसें अटकी हुई हैं।  

पाकिस्तान के लिए यह न्योता गले की हड्डी बन गया है। पाकिस्तान में इसे लेकर दो धड़े बंट गए हैं। यही कारण है कि पाकिस्तान में इस न्योते के बाद मंथन का दौर शुरू हो गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आना चाहते हैं, लेकिन पाकिस्तान के साथ एक परेशानी यह है कि यदि पाकिस्तान इस न्योते को  स्वीकार करेगा तो चीन नाराज न हो जाए। इस तरह पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो पाकिस्तान के विदेश् मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आना चाहते हैं, लेकिन अब यह चीन के रूख पर निर्भर करेगा कि वे भारत आते हैं या नहीं। वैसे चीन एससीओ यानी शंघाई सहयोग समिट का संस्थापक देश है। 

अप्रैल में होना है रक्षा मंत्रियों और मई में विदेश मंत्रियों की बैठक

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार भारत ने बिलावल और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को भारत आने का न्योता भेजा है। अप्रैल में नई दिल्‍ली में एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक होनी है और मई में गोवा में विदेश मंत्रियों की बैठक होनी है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि अंतिम फैसला इन कार्यक्रमों के नजदीक आने पर होगा, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस बारे में चर्चा तेज हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन हाई प्रोफाइल बैठकों को लेकर पाकिस्‍तान सरकार में दो धड़े बंट गए हैं। 

भारत के न्योते पर क्या हो रहा है पाकिस्तान में मंथन

पाकिस्‍तान में एक पक्ष का कहना है कि दोनों देशों के बीच रिश्‍तों की वर्तमान हालत देखते हुए अगर जरूरी हो तो केवल जूनियर अधिकारियों को ही एससीओ की बैठक में भेजा जाए। वहीं अन्‍य लोग इससे सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि पाकिस्‍तान को इस तरह के क्षेत्रीय मंच को नहीं छोड़ना चाहिए और चूंकि एससीओ में रूस और चीन जैसे शक्तिशाली देश शामिल हैं। पाकिस्‍तान को इस मौके का इस्‍तेमाल अपने हित को आगे बढ़ाने के लिए करना चाहिए।

चीन ने पाकिस्तान को दिलवाई थी एससीओ की पूर्णकालिक सदस्यता

रिपोर्ट में कहा गया है कि बिलावल और ख्‍वाजा की यात्रा बहुत कुछ चीन पर निर्भर करेगी। चीन ने एससीओ की स्‍थापना की थी और उसी ने पाकिस्‍तान को पूर्ण सदस्‍यता भी दिलवाई थी। चीन अगर पाकिस्‍तान को इस शिखर बैठक में शामिल होने के लिए कहता है तो शहबाज सरकार के लिए इस सलाह को अनदेखा करना संभव नहीं होगा। ऐसे में पाकिस्‍तान के लिए एससीओ से दूर रहना बहुत ही मुश्किल होगा।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement