Bilawal Bhutto News: पाकिस्तान में चुनाव के नतीजों के बाद जोड़तोड़ की राजनीति चल रही है। किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो की पार्टियों ने मिलकर गठबंधन बनाने का निर्णय लिया है। इस गठबंधन की जोड़तोड़ के बीच पीपीपी यानी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल भुट्टो ने खुलासा किया है। अपने पीएम बनने को लेकर उन्होंने खुलासे में कई बातें बताईं। जानिए बिलावल ने किन समीकरणों के बारे में बताया।
पाकिस्तन के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को सत्ता के लिए चल रहे गठजोड़ के समीकरणों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें पीएम के पद के लिए पेशकश की गई थी। बिलावल ने बताया कि प्रधानमंत्री का पद उनकी पार्टी और पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन के बीच साझा किया जाएगा।
शनिवार को पीपीपी और पीएमएल-एन में हुई थी बैठक
नवाज शरीफ जो और बिलावल भुट्टो की पार्टियों के बीच शनिवार को बैठक हुई, जिसमें दोनों पार्टियों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि अभी किसी तरह की अंतिम घोषणा नहीं की गई है। कोई आधिकारिक बयान सरकार गठन को लेकर दोनों पार्टियों के बीच जारी नहीं किया गया है।
जानिए बिलावल ने सरकार के लिए किन समीकरणों के बारे में बताया?
पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनाव में जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने 265 में से 93 सीटें जीतीं। वहीं, पीएमएल-एन ने 75 और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 54 सीटें जीतने में कामयाब रही। बता दें कि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) भी अपनी 17 सीटों के साथ नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो का समर्थन करने पर सहमत हो गया है।
बिलावल ने बताया पीएम पद के लिए क्या थी पेशकश
बिलावल भुट्टों ने कहा, 'मुझे कहा गया कि तीन वर्षों के लिए उन्हें प्रधानमंत्री बनने दिया जाए, इसके बाद दो वर्षों के लिए हम प्रधानमंत्री पद ले लें। मैंने मना कर दिया। मैंने कहा कि मैं इस तरह से प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता हूं। मैं प्रधानमंत्री तब बनूंगा जब पाकिस्तान की जनता मुझे चुनेगी।' बिलावल ने कहा कि देश को ऐसे पीएम की जरूरत है जो जनता की परेशानियों के बारे में बात करे। उन्होंने आगे कहा, 'सभी राजनेताओं और राजनीतिक पार्टियों को अपना स्वार्थ छोड़कर देश की जनता के बारे में पहले सोचना चाहिए।' उनकी यह टिप्पणी रावलपिंडी के आयुक्त लियाकत अली चट्ठा के उस आरोप के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि शहर में जो उम्मीदवार चुनाव हार रहे थे, उन्हें जिताया गया था।
इस्तीफा देने से पहले लियाकत अली चट्ठा ने दावा किया कि रावलपिंडी के 13 उम्मीदवारों को जबरदस्ती विजेता घोषित किया गया है। उनके इन दावों के बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग ने जांच शुरू कर दी है। पूर्व पीएम इमरान खान की पीटीआई पार्टी ने आठ फरवरी के चुनावों में धांधली होने के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।