Highlights
- इन बड़े नेताओं के जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की योजना
- रूस और यूक्रेन जंग के बीच पहली बार आमने सामने होगी बातचीत
- तनाव के बीच तीन बड़े नेताओं का मिलना सुर्खियों में रहेगा
Biden Putin Jinping: रूस और यूक्रेन के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। पांच माह से भी अधिक समय से बमबारी जारी है। इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी यह कह दिया है कि जब तक पुतिन रूसी सेना को वापस नहीं बुलाते हैं, तब तक रूस के साथ 'शांति' की संभावना नहीं है। उधर, रूस भी यूक्रेन का साथ देने वाले अमेरिका और ब्रिटेन पर भड़क गया है। उसने परमाणु हमले की धमकी दे दी है। इन सभी घटनाक्रमों के बीच ये देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आपस मिलेंगे, तो कैसा नजारा होगा। क्योंकि हाल ही में जिनपिंग और बाइडेन में काफी गहमागहमी रही, जब अमेरिकी सांसद नैंसी पैलोसी ने ताइवान का दौरा किया था।
इन बड़े नेताओं के जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की योजना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बारे में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने मीडिया से चर्चा में कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों इस साल के अंत में बाली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की योजना बना रहे हैं। विडोडो ने ब्लूमबर्ग न्यूज से बात करते हुए कहा कि ‘शी जिनपिंग आएंगे। राष्ट्रपति पुतिन ने भी मुझसे कहा है कि वह आएंगे।’ दोनों बड़े देशों के अमेरिका से चल रहे तनाव के बीच ऐसा पहली बार है, जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने G20 शिखर सम्मेलन के संबंध में शी और पुतिन के भाग लेने की पुष्टि की है।
रूस और यूक्रेन जंग के बीच पहली बार आमने सामने होगी बातचीत
रूस और यूक्रेन में जंग के बाद ये पहला मौका होगा जब चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग और पुतिन व जो बाइडेन अन्य यूरोपीय नेताओं के साथ पहली बार आमने सामने आतचीत करेंगे। साथ ही जो बाइडेन दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से भी पहली बार मिलेंगे। हालांकि विडोडो ने कहा कि बड़े देशों के बीच प्रतिद्वंद्विता वास्तव में चिंताजनक है।
घटनाक्रम से परिचित क्रेमलिन के एक अधिकारी ने कहा कि पुतिन की व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लेने की योजना है। सम्मेलन में शीर्ष नेताओं की शिरकत करने की खबर पर विडोडो ने कहा कि वह चाहते हैं, ‘यह क्षेत्र स्थिर, शांतिपूर्ण हो, ताकि हम आर्थिक विकास का निर्माण कर सकें. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि केवल इंडोनेशिया ही नहीं एशियाई देश भी यही चाहते हैं।’
तनाव के बीच तीन बड़े नेताओं का मिलना सुर्खियों में रहेगा
ये शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब हाल के दौर में ताइवान में अमेरिकी सांसद ने दौरा किया तो चीन भड़क उठा। वहीं रूस भी ब्रिटेन और अमेरिका को परमाणु हमले की धमकी दे चुका है। ये तो जानते ही हैें कि जंग शुरू होने के बाद से ही अमेरिका ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैें। सभी देश एकदूसरे को ताकत दिखाने के लिए सैन्याभ्यास भी कर रहे हैं। ऐसे में तीनों बड़े नेताओं का एकसाथ होना सुर्खियों में रहेगा।