Wednesday, December 11, 2024
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'जैसा पुरानी सरकार के साथ हुआ, वही तुम्हारे साथ भी होगा', सीरिया की नई सरकार को नेतन्याहू की चेतावनी

दमिश्क अब बशर अल असद के बिना है। वहां विद्रोहियों का कब्जा हो चुका है। असद देश छोड़कर भाग गए हैं। इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने नई सरकार को चेतावनी दी है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Dec 11, 2024 8:31 IST, Updated : Dec 11, 2024 8:35 IST
बेंजामिन नेतन्याहू- India TV Hindi
Image Source : PTI बेंजामिन नेतन्याहू

तेल अवीव: सीरिया के हालात पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सीरिया की नई सरकार अगर पुरानी सरकार जैसी हरकतें जारी रखेगी तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी। अगर नई सरकार ईरान को दखल देने की अनुमति जारी रखती और हिजबुल्लाह को हथियार मुहैया कराने में सहयोग करती है तो फिर इजरायल चुप नहीं बैठेगा, वह जरूरी कदम उठाने के लिए बाध्य होगा। नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल का सीरिया के आंतरिक मामलों में "हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है।"

आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का इरादा नहीं

नेतन्याहू ने मंगलवार को एक वीडियो संबोधन में कहा, "हमारा सीरिया के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि, हम अपनी सुरक्षा के लिए जो जरूरी है, वह करने का इरादा रखते हैं। इसलिए, मैं सीरियाई सेना द्वारा छोड़ी गई सामरिक सैन्य क्षमताओं पर वायु सेना द्वारा बमबारी को मंजूरी देता हूं। ऐसा इसलिए ताकि वे जिहादियों के हाथों में न पड़ें। यह ठीक उसी तरह है जैसा ब्रिटिश वायु सेना ने सेकेंड वर्ल्ड वार में किया था। उसने विची शासन (फ्रांस) के बेड़े पर बमबारी की थी। ब्रिटिश वायुसेना ने ऐसा इसलिए किया था ताकि वे हथियार नाज़ियों के हाथों में न पड़ें।"

 दोस्ती की पहल भी और चेतावनी भी

नेतन्याहू ने कहा कि हम सीरिया में नई सरकार के साथ संबंध रखना चाहते हैं, लेकिन अगर यह सरकार ईरान को सीरिया में फिर से स्थापित होने देती है, या फिर हिजबुल्लाह को हथियार देती है या फिर हमारे ऊपर हमला करती है तो हम उसका जोरदार जवाब देंगे। ऐसी हरकतों की उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और जो पिछली सरकार के साथ हुआ था, वही इस सरकार के साथ भी होगा।

मध्य पूर्व के लिए "ऐतिहासिक दिन" 

रविवार को सीरियाई विद्रोही दमिश्क में दाखिल हो गए और राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया। सीरिया में दो दशक से अधिक समय तक चला असद का शासन समाप्त हो गया। नेतन्याहू ने असद के इस पतन की सराहना करते हुए इसे मध्य पूर्व क्षेत्र के लिए "ऐतिहासिक दिन" बताया। नेतन्याहू ने आगे यह भी माना कि पतन से जहां बड़े अवसर मिलते हैं, वहीं इससे बड़े खतरे भी पैदा होते हैं। उन्होंने इजरायल की सीमा से लगे और अन्य देशों से भी शांति की अपील की। 

नए अवसर के साथ नए खतरे भी

नेतन्याहू ने एक्स पर एक वीडियो भी शेयर किया और कहा, "यह मध्य पूर्व के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। असद शासन का पतन, दमिश्क में अत्याचार, महान अवसर प्रदान करता है, लेकिन साथ ही यह कई खतरों से भी भरा हुआ है। हम सीरिया में सभी लोगों के लिए शांति का हाथ बढ़ाते हैं: ड्रूज़, कुर्द, ईसाई और उन मुसलमानों के लिए जो इजरायल के साथ शांति से रहना चाहते हैं।" सीरियाई सेना द्वारा अपने ठिकानों को छोड़ने के बाद, नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि उन्होंने इजरायली सेना को इन ठिकानों को अपने नियंत्रण में लेने का आदेश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दुश्मनी के मंसूबे से भरी कोई भी ताकत इजरायल की सीमा के ठीक बगल में न घुस जाए।

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