China Muslims News: चीन में मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर किस हद तक अत्याचार होता है, यह किसी से छिपा नहीं है। तमाम ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं जिनमें मुसलमानों के साथ ज्यादती की बातें साबित होती हैं। इस बीच सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता वांग यांग ने देश के 2.5 करोड़ मुस्लिमों को ‘देशभक्ति की भावना बुलंद करने’ और इस्लामिक मान्यताओं में चीन की परिस्थितियों के मुताबिक बदलाव करने को कहा है। चीनी नेता का यह बयान, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों का मुकाबला करने के लिए बीजिंग द्वारा अपनाए गए आक्रामक कूटनीतिक रुख के बीच आया है।
‘इस्लाम के विकास में चीनी रुख को और मजबूत करें’
चीन के वरिष्ठ नेता वांग यांग ने मंगलवार को ‘चाइना इस्लामिक एसोसिएशन’ के नवनिर्वाचित सदस्यों से मुलाकात के दौरान धार्मिक मामलों पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की मूलभूत नीतियों को पूरी तरह से लागू करने के लिए कहा। वांग, CPC की केंद्रीय समिति के स्थायी पॉलिटिकल ब्यूरो के सदस्य और चीनी जन राजनीतिक परामर्श सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष हैं। उन्होंने एसोसिएशन से कहा कि वह सही राजनीतिक दिशा कायम रखें, देशभक्ति और साम्यवाद के परचम को बुलंद रखें और चीन में इस्लाम के विकास में चीनी रुख को और मजबूत करें और साम्यवादी समाज को अंगीकार करने की सहूलियत दें।
चीन ने रिपोर्ट को पूरी तरह गैरकानूनी करार दे दिया है
वांग ने इस्लामिक हस्तियों और मुसलमानों से चीन को सभी मायनों में साम्यवादी देश बनाने के लिए मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने साथ ही कहा कि चीन का कायाकल्प करने के राष्ट्रीय स्वप्न को साकार करने के लिए सबको साथ आना होगा। चीन ने हालांकि मानवाधिकारों के उल्लंघन संबंधी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार रिपोर्ट को खारिज करने के साथ ही कहा कि इसे अमेरिका ने तैयार किया है। ड्रैगन ने रिपोर्ट को पूरी तरह ‘गैरकानूनी’ करार दिया है। रिपोर्ट में अमेरिका ने कहा है कि उइगर मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार के आरोप ‘मानवता के विरूद्ध अपराध’ के समान हो सकते हैं।
मुस्लिमों के खिलाफ कार्रवाई का बचाव करता आया है चीन
बता दें कि चीन ने शिनजियांग प्रांत में रहने वाले अल्पसंख्यक उइगर मुसलमानों के खिलाफ कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं और साथ ही उन्हें कैंप में रखता आया है। उसने उइगर मुसलमानों के खिलाफ अपनी कार्रवाई का यह कहते हुए बचाव किया है कि इस कदम का लक्ष्य ईस्ट तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) पर लगाम लगाना है जिसका कथित रूप से अल कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे कट्टरपंथी संगठनों के साथ संबंध है। चीन ने इस्लाम के चीनीकरण की भी वकालत की है जिसका व्यापक अर्थ इसे CPC की नीतियों के अनुरूप बनाना है।