बेरूत: सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों के घुसने और राष्ट्रपति बशर-अल असद के देश छोड़कर भागने संबंधी दावों के बीच सरकार गिरने के साथ ही असद परिवार के 50 साल के शासन का रविवार तड़के अप्रत्याशित अंत हो गया। इसके बाद लोगों ने सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया। सीरियाई सरकारी टैलीविजन चैनल ने कुछ लोगों के एक समूह का वीडियो बयान प्रसारित किया है जिसमें वो कहते नजर आ रहे हैं कि राष्ट्रपति बशर असद को सत्ता से बाहर कर दिया गया है और जेल में बंद सभी कैदियों को रिहा करा दिया गया है।
राजधानी छोड़ चुके हैं असद
‘सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ के रामी अब्दुर्रहमान ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि असद ने रविवार तड़के दमिश्क से उड़ान भरी। राजधानी के निवासियों को गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें सुनाई दी हैं। सीरिया में युद्ध के दौरान असद के मुख्य समर्थक रहे ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने खबर दी कि असद राजधानी छोड़ चुके हैं। टेलीविजन चैनल ने इस जानकारी के लिए कतर के ‘अल जजीरा न्यूज नेटवर्क’ का हवाला दिया लेकिन कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी।
जश्न मनाने के लिए जमा हुए लोग
सीरियाई लोगों की भीड़ रविवार सुबह दमिश्क के चौहारों पर जश्न मनाने के लिए एकत्र हुई, उसने असद विरोधी नारे लगाए और कार के हॉर्न बजाए। कुछ इलाकों में जश्न में गोलियां भी चलाई गईं। सैनिक और पुलिस अधिकारी अपनी चौकियां छोड़कर भाग गए और विद्रोही रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय में घुस गए।
क्या बोले स्थानीय निवासी
स्थानीय निवासी वकील उमर दाहेर (29) ने कहा, ‘‘मैं अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर सकता। उन्होंने (असद ने) और उनके पिता ने हमें कई साल तक जिस डर में रहने को मजबूर किया और जिस दहशत एवं आतंक की स्थिति में मैं जी रहा था, मुझे उस पर यकीन नहीं होता।’’ दाहेर ने कहा कि उनके पिता को सुरक्षा बलों ने मार दिया था और उनके भाई को हिरासत में ले लिया गया था और यह नहीं पता कि उसके साथ क्या हुआ। उन्होंने कहा कि असद ‘‘एक अपराधी, तानाशाह और जानवर है।’’ मध्य दमिश्क में एक अन्य व्यक्ति गजल अल-शरीफ ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति पर और पूरे असद परिवार पर धिक्कार है।’’
खाली नजर आया पुलिस मुख्यालय
दमिश्क में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) के एक पत्रकार ने बताया कि उसने राजधानी के बाहरी इलाके में सड़क के किनारे हथियारबंद निवासियों के समूहों को देखा और गोलियों की आवाजें सुनीं। शहर का मुख्य पुलिस मुख्यालय खाली प्रतीत होता है, उसका दरवाजा खुला था और बाहर कोई अधिकारी नहीं था। ‘एपी’ के एक अन्य पत्रकार ने खाली पड़ी सेना चौकी के फुटेज लिए जिसमें असद के पोस्टर के नीचे जमीन पर वर्दियां पड़ी दिख रही हैं। मस्जिदों से ‘‘अल्लाह-हू-अकबर’’ की आवाजें सुनाई दे रही हैं। यह 2018 के बाद पहली बार है जब विद्रोही दमिश्क के भीतर पहुंच गए।
असद सरकार के करीबियों ने बनाई दूरी
सीरियाई सैनिकों ने वर्षों की घेराबंदी के बाद 2018 में राजधानी के बाहरी इलाकों पर फिर से कब्जा कर लिया था। सरकार समर्थक ‘शाम एफएम रेडियो’ ने बताया कि दमिश्क हवाई अड्डे को खाली करा लिया गया है और सभी उड़ानें रोक दी गई हैं। विद्रोहियों ने यह भी घोषणा की कि वो राजधानी के उत्तर में स्थित सैदनाया सैन्य जेल में घुस गए हैं और उन्होंने वहां से कैदियों को मुक्त करा लिया है। इस बीच, जो संगठन पहले असद सरकार के करीबी थे, उन्होंने उनसे दूरी बनाने का प्रयास किया।
मीडिया कर्मियों का दोष नहीं
सरकार समर्थक रहे ‘अल-वतन’ समाचार पत्र ने लिखा, ‘‘हम सीरिया के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत देख रहे हैं। हम अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने और ज्यादा खून नहीं बहाया। हमारा मानना है और हमें भरोसा है कि सीरिया सभी सीरियाई लोगों के लिए होगा।’’ समाचार पत्र ने यह भी कहा कि अतीत में सरकारी बयानों को प्रकाशित करने के लिए मीडिया कर्मियों को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। उसने कहा, ‘‘हमने केवल निर्देशों का पालन किया और जो समाचार उन्होंने हमें भेजे थे, हमने उन्हें प्रकाशित किया। यह जल्द ही स्पष्ट हो गया कि यह झूठ था।’’
बढ़ गई हैं कीमतें
एक स्थानीय निवासी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि राजधानी में कई दुकानें बंद हैं और जो खुली हैं उनमें चीनी जैसी जरूरी वस्तुएं भी खत्म हो गई हैं। कुछ दुकानदार सामान्य कीमत से तिगुनी कीमत पर सामान बेच रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वह अपने गैर-महत्वपूर्ण कर्मचारियों को एहतियात के तौर पर देश से बाहर भेज रहा है। इस बीच, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि अमेरिका को सीरिया में सैन्य कार्रवाई से बचना चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह हमारी लड़ाई नहीं है।’’
यह भी जानें
सीरिया में विद्रोहियों के अप्रत्याशित हमले की शुरुआत 27 नवंबर को हुई थी जब बंदूकधारियों ने सीरिया के सबसे बड़े उत्तरी शहर अलेप्पो और देश के चौथे सबसे बड़े शहर हमा पर कब्जा कर लिया था। सीरियाई गृहयुद्ध में लगभग पांच लाख लोग मारे गए हैं और देश की आधी आबादी विस्थापित हो गई है। जैसे-जैसे विद्रोह गृहयुद्ध में तब्दील होता गया, लाखों सीरियाई लोग सीमा पार करके जॉर्डन, तुर्किये, इराक और लेबनान और यूरोप की ओर भाग गए। (एपी)
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