बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के एक बयान ने हिंदुओं को गदगद कर दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान इससे बौखला गया है। दरअसल पाकिस्तान में जानबूझकर हिंदुओं पर जुल्म ढाया जाता है, लेकिन बांग्लादेश में ऐसा नहीं है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बृहस्पतिवार को देश के हिंदू समुदाय से कहा कि वे खुद को अल्पसंख्यक नहीं समझें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह देश जाति, पंथ और धर्म से परे सभी तबकों का है ,क्योंकि उन्होंने 1971 में पाकिस्तानी ताकतों के खिलाफ देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी। हसीना ने यहां अपने आधिकारिक निवास गनो भवन में जन्माष्टमी के मौके पर हिंदू समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत में कहा, "आप खुद को अल्पसंख्यक क्यों कहेंगे? .यहां अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक जैसा कुछ भी नहीं है।
पीएम हसीना ने कहा, "आप खुद को अल्पसंख्यक मानकर कमजोर नहीं समझें..जब आप इस देश के लोग हैं तो आप ऐसा क्यों कर रहे हैं?" उन्होंने कहा कि जो लोग इस मिट्टी में पैदा हुए हैं, वे इसी मिट्टी की संतान हैं और उनके पास नागरिक अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि यह देश आपका है और आप भी इसी देश के हैं। इसलिए खुद को कतई कमजोर या अल्पसंख्यक नहीं समझें। प्रधानमंत्री हसीना ने कहा, "मैं चाहती हूं कि आप सभी अपने-अपने धर्मों का उचित तरीके से पालन करें।
सौहार्द्र बिगाड़ने वालों को कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री ने हिंदुओं को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के साथ जाति-धर्म के नाम पर सौहार्द्र बिगाड़ने का प्रयास करने वालों को भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने देश के धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने और इसकी प्रगति के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले किसी भी कदम के खिलाफ निरंतर सतर्क रहने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक सौहार्द्र खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि बांग्लादेश में मुसलमानों के बाद हिंदू दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय है। उसके बाद बौद्ध और ईसाई हैं। (भाषा)
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