बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखा है। इस पत्र में बांग्लादेश ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजने यानी प्रत्यर्पण की मांग की है। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार में शेख हसीना के खिलाफ कई मामलों केस दर्ज किया गया है। बता दें कि अगस्त महीने के आखिर में बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद शेख हसीना भारत चली आई थीं। हालांकि, अभी इस बात पर मुहर नहीं लगी है कि उन्होंने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दिया है या नहीं।
राजनयिक संदेश भेजा गया
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी है कि उसने शेख हसीना को ढाका वापस भेजने के लिए एक राजनयिक संदेश भेजा है। बांग्लादेश की अंतरिम ससकार में विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने कहा- ‘‘हमने भारत सरकार को एक राजनयिक संदेश भेजा है, जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश में न्यायिक प्रक्रिया के लिए उन्हें (हसीना) वापस ढाका भेजा जाए।’’
बांग्लादेश ने दी प्रत्यर्पण संधि की दलील
इससे पहले बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के सलाहकार जहांगीर आलम ने भी जानकारी दी है कि उनके कार्यालय की ओर से भी विदेश मंत्रालय को अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना के प्रत्यर्पण के लिए पत्र भेजा गया है। इसकी प्रक्रिया जारी है। गृह मंत्रालय के सलाहकार जहांगीर आलम दावा किया है कि ढाका और नयी दिल्ली के बीच प्रत्यर्पण संधि पहले से ही मौजूद है। इस संधि के तहत शेख हसीना को बांग्लादेश वापस लाया जा सकता है।
भारत में रह रही हैं शेख हसीना
बीते अगस्त महीने में बांग्लादेश में बड़े स्तर पर प्रदर्शन और हिंसा के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 5 अगस्त देश छोड़ दिया था। वह तभी से भारत में निर्वासन में रह रही हैं। शेख हसीना और उनकी सरकार के मंत्रियों पर मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोप लगाए गए हैं और गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। (इनपुट: भाषा)
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