ढाका: बांग्लादेश में जनवरी को होने वाले चुनाव से पहले तनाव बढ़ गया है। शनिवार को मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और सत्तारूढ़ अवामी लीग की रैलियों के दौरान हिंसा भड़क जाने से एक पुलिसकर्मी की जान चली गई और सुरक्षाकर्मियों समेत 200 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए।
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की अगुवाई वाली बीएनपी ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर यहां एक विशाल रैली निकाली। उसका कहना है कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रधानमंत्री का इस्तीफा और गैर दलीय अंतरिम सरकार का गठन जरूरी है। ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के प्रवक्ता फारूक हुसैन ने बताया कि यहां बीएनपी कार्यकर्ताओं ने किसी धारदार वस्तु से वार कर एक पुलिस कांस्टेबल को मार डाला जबकि झड़प में 41 अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गये।
उन्होंने बताया कि 39 पुलिसकर्मियों का ‘राजरबाग सेंट्रल पुलिस हॉस्पीटल’ (सीपीएच) में इलाज चल रहा है। सरकारी ढाका चिकित्सा महाविद्यालय (डीएमसीएच) में पुलिस चौकी के निरीक्षक बच्चू मियां ने कहा, ‘‘ जब उक्त पुलिसकर्मी को यहां लाया गया, तब डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।’’
आवामी लीग और बीएनपी ने आसपास के क्षेत्रों में रैलियां निकाली थी। जब ढाका के पूरे मुख्य क्षेत्र में हिंसा फैल गयी जब अर्धसैनिक ‘बोर्डर गार्ड बांग्लादेश’ को भी बुला लिया गया। प्रदर्शनकारियों ने सीपीएच के अंदर एंबुलेंस और वाहनों एवं एक पुलिसचौकी में आग लगा दी तथा कई सरकारी भवनों पर हमले की कोशिश की गयी।
काकरेल और उसके आसपास के क्षेत्रों में बड़ी हिंसा नजर आयी। पुलिस ने बीएनपी की विशाल रैली को खत्म करने के लिए रबड़ की गोलियां , आंसूगैस के गोल और साउंड ग्रेनेड दागे। ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस की आसूचना शाखा के प्रमुख हरूनूर राशिद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ बीएनपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सरकारी प्रतिष्ठानों एवं संपत्तियों पर हमला किया, उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’’
प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ आवामी लीग पार्टी ने भी अपने हजारों समर्थकों को एकजुट करते हुए बैतूल मोकर्राम नेशन मस्जिद के दक्षिण द्वार पर ‘शांति रैली’ निकाली। लगभग उसी समय बीएनएपी कार्यकर्ता पार्टी के नया पलटन केंद्रीय कार्यालय के आसपास प्रदर्शन कर रहे थे। ये दोनों ही स्थान ढाका के मुख्य क्षेत्र में हैं।
पुराना पलटन क्षेत्र में दंगारोधी पुलिस ने इन दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प को रोकने के लिए बफर जोन बना दिया था। इन कार्यकर्ताओं के हाथों में डंडे और पत्थर थे। डीएमसीएच के डॉक्टरों ने बताया कि अबतक करीब 200 लोगों को अस्पताल में लाया गया है और उनमें से कई के सिर में गंभीर चोटें लगी हैं। काकरेल क्षेत्र में हिंसा तब भड़की जब बीएनपी कार्यकर्ताओं ने प्रतिद्वंद्वी दल के सदस्यों को ले जा रही एक बस पर कथित रूप से हमला किया ।
यह हिंसा शीघ्र ही फैल गयी और पुलिस ने सरकार-विरोधी नारे लगा रहे विपक्षी कार्यकर्ताओं पर आंसूगैस के गोले दागे। मुख्य विपक्षी दल बीएनपी ने ‘शांतिपूर्ण सभा’ को विफल करने पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई तथा के खिलाफ रविवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। जवाब में आवामी लीग महासचिव और सड़क परिवहन मंत्री अब्दुल कादर ने सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं से देशभर में ‘शांति रैलियां ’ निकालने का आह्वान किया।
इस बीच, प्रधानमंत्री हसीना ने उनकी सरकार के विकास एजेंडा को पटरी से उतारने की कोशिश करने को लेकर विपक्ष की आलोचना की। चट्टग्राम में एक जनसभा में उन्होंने कहा, ‘‘ आपकी धौंसबाजी से आवामी लीग नहीं डरती है।’’ शनिवार की हिंसा देश में जनवरी, 2024 में निर्धारित समयपूर्व चुनाव को लेकर उत्पन्न तनाव के बीच हुई है। देश में हसीना 15 सालों से सत्ता में हैं। बीएनपी का कहना है कि आवामी लीग के शासन में कोई भी चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकता। हालांकि सत्तारूढ़ दल ने यह कहते हुए इस मांग को खारिज कर दी कि संविधान के प्रावधन के अनुसार हसीना सरकार के निरीक्षण में ही चुनाव कराये जाएंगे। आवामी लीग को चौथी बार सत्ता में आने की उम्मीद है। (इनपुट: भाषा)
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