Clashes In Bangladesh Dhaka: शेख हसीना के पद और देश छोड़ने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि बांग्लादेश में अब हालात सुधर जाएंगे। लेकिन ऐसा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। शेख हसीना ने देश छोड़ा तो हिंदुओं पर हमले शुरू हो गए। आगजनी, हिंसा, मारपीट और लूटपाट देखने को मिली। अभी हालात संभले भी नहीं थे कि अंसार ग्रुप के सदस्य और छात्र आमने-सामने आ गए हैं। रविवार रात बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। सचिवालय के पास जमा छात्रों और अंसार सदस्यों के बीच जमकर बवाल हुआ। हिंसा की इस ताजा घटना में 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
सचिवालय को कर दिया गया सीज
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना रविवार रात उस समय हुई, जब हजारों की संख्या में छात्रों ने हाथों में लाठी-डंडे लेकर सचिवालय की ओर मार्च करना शुरू किया। छात्रों ने सचिवालय की तरफ मार्च इसलिए शुरू किया था क्योंकि अंसार ग्रुप के सदस्यों ने सचिवालय को सीज कर दिया था। अंसार सदस्यों ने सचिवालय का गेट बंद कर दिया और भीतर मौजूद सरकारी अधिकारियों को बाहर नहीं आने दिया गया। इस बीच कई छात्र भी अंदर ही कैद हो गए। अंदर कैद छात्रों ने सोशल मीडिया के जरिए छात्रों से सचिवालय आने की अपील की, जिसके बाद हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए।
जमकर हुई हिंसा
देखते ही देखते राजू स्मारक के पास हजारों छात्रों का जमावड़ा हो गया, जहां से इन छात्रों ने सचिवालय की तरफ कूच किया। छात्रों की भारी भीड़ को देखते हुए शुरुआत में तो अंसार ग्रुप के सदस्य पीछे हट गए लेकिन बाद में डंडे लेकर छात्रों का पीछा शुरू कर दिया। इस दौरान दोनों तरफ से जमकर जमकर पथराव हुआ और हिंसक झड़प हुई। अंसार ग्रुप के सदस्यों और छात्रों के बीच हुई हिंसा में दोनों तरफ से कई लोग घायल हुए हैं। अंसार सदस्यों की मांग है उनकी नौकरियों को स्थायी किया जाए। वहीं, छात्रों का आरोप है कि अंसार ग्रुप बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के एजेंट के तौर पर काम कर रहा है।
सोशल मीडिया पर की गई यह पोस्ट
अब यहां यह जानना जरूरी है कि हिंसा आखिर फैली कैसे। दरअसल, सचिवालय में कैद एक छात्र नेता हसनत अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, सब लोग राजू स्मारक के पास आ जाओ। तानाशाही ताकतें अंसार फोर्स के जरिए वापसी की कोशिश कर रही हैं। मांगें पूरी होने के बाद भी उन्होंने हमें सचिवालय में बंद रखा है। यह सब शरियतपुर के पूर्व सांसद इनामुल हक शमीम की देखरेख में हो रहा है। उनके बड़े भाई अंसार के डीजी थे और इन अंसार सदस्यों की भर्ती उनके भाई ने ही की थी। यह मैसेज सर्कुलेट होने के बाद ही छात्रों का गुस्सा भड़का और उन्होंने अंसार ग्रुप के सदस्यों से मुलाबला करने के लिए मार्च करने का ऐलान कर दिया। अमीनुल हक शेख हसीना की सरकार में जल संसाधन उप मंत्री रहे इनामुल हक शमीम के बड़े भाई हैं।
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