बांग्लादेश में इन दिनों भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के समर्थन राजधानी ढाका में जमा हो रहे हैं। ये लोग प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इनकी मांग है कि देश में जल्द नए सिरे चुनाव कराए जाएं। शनिवार को प्रदर्शनकारियों की भीड़ गोपालबाग स्पोर्ट्स ग्राउंड में एकत्रित हुए और नारे लगाए, 'शेख हसीना वोट चोर है।' प्रदर्शनों की वजह से स्थिति लगातार खराब हो रही है। इन्हें देखकर लोगों को हाल में पाकिस्तान में हुए प्रदर्शनों की याद आ गई है।
यहां भी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान देश में दोबारा चुनाव कराने की मांग लेकर सड़कों पर उतरे थे।
देश में लगातार हो रहे प्रदर्शन
मंगलवार को हुई इस घटना के बाद बांग्लादेश में ये प्रदर्शन हुए हैं। सुरक्षा बलों ने बीएनपी के मुख्यालय पर धावा बोल दिया। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। हाल के महीनों में बांग्लादेश में सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं। ये प्रदर्शन बिजली कटौती और पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के बाद हुए। पीएम हसीना हर बार पद छोड़ने की मांग को खारिज कर देती हैं।
क्या है इन प्रदर्शनों के पीछे का मकसद?
बीएनपी के एक पदाधिकारी ने बताया है कि शनिवार को विरोध रैली में करीब दो लाख लोगों ने हिस्सा लिया था। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के प्रवक्ता फारूक अहमद ने हालांकि इस दावे को खारिज कर दिया। उनका कहना है कि जिस जगह पर रैली हुई है, वहां 30 हजार से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते। बीएनपी प्रवक्ता जहीरुद्दीन स्वपन ने कहा, 'हमारी मुख्य मांग यह है कि शेख हसीना इस्तीफा दें और संसद को भंग कर दिया जाए। निष्पक्ष और सही चुनाव के मद्देनजर सत्ता एक तटस्थ कार्यवाहक सरकार को सौंपी जानी चाहिए।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे लेकिन SWAT टीमों, आतंकवाद निरोधी इकाइयों और कैनाइन दस्तों को तैनात किया गया था। पुलिस ने सड़कों पर नाके बंदी की और सुरक्षा बढ़ा दी। बीएनपी के अधिकारियों ने सरकार पर एक अनौपचारिक परिवहन हड़ताल का आह्वान करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि लोगों को रैली में शामिल होने से रोकने के लिए ऐसा किया गया। हिंसा भड़काने के आरोप में बीएनपी नेताओं की गिरफ्तारी के दो दिन बाद यह रैली हुई थी। 30 नवंबर से 2,000 से अधिक कार्यकर्ता और समर्थक हिरासत में लिए जा चुके हैं। उन्हें हिरासत में लेने का उद्देश्य विरोध प्रदर्शन में भाग लेने से रोकना था।
चुनावों में हेराफेरी करने के लगे आरोप
स्वतंत्र पर्यवेक्षकों के अनुसार, शेख हसीना की सरकार ने पहले दो आम चुनावों में धांधली की थी। सरकार को डर था कि उसे बीएनपी के हाथों हार का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए उसने धांधली का सहारा लिया। मंगलवार को 15 विदेशी दूतावासों ने एक संयुक्त बयान जारी कर बांग्लादेश से स्वतंत्र अभिव्यक्ति, शांतिपूर्ण संसद और निष्पक्ष चुनाव की अपील की है। एक दिन बाद संयुक्त राष्ट्र ने भी इसी तरह की अपील की थी।