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भारत के पड़ोस में एक और इस्लामिक मुल्क? बांग्लादेश के संविधान से 'सेक्युलर' शब्द हटाने का प्रस्ताव

ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बांग्लादेश खुद को एक इस्लामिक मुल्क भी घोषित कर सकता है। बांग्लादेश की हाई कोर्ट में इस बारे में प्रस्ताव भी रख दिया गया है।

Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : Nov 15, 2024 10:19 IST, Updated : Nov 15, 2024 10:40 IST
इस्लामिक मुल्क बनने की राह पर बांग्लादेश।
Image Source : REUTERS/AP इस्लामिक मुल्क बनने की राह पर बांग्लादेश।

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से वहां कट्टरता हावी होती जा रही है। बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद युनुस एक के बाद एक ऐसे फैसले कर रहे हैं जो कि स्थापना के समय बांग्लादेश की मूल भावना के खिलाफ है। वहीं, अब ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बांग्लादेश खुद को एक इस्लामिक मुल्क भी घोषित कर सकता है। बंगलादेश के शीर्ष कानून अधिकारी ने प्रस्ताव रखा है कि देश के संविधान से सेक्युलर यानी कि धर्मनिरपेक्षता और समाजवादी शब्दों को हटाया जाए।

संविधान से इन चीजों को हटाने की मांग

बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असज्जमां ने एक रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में कई दलीलें दी हैं। अटॉर्नी जनरल ने बांग्लादेश के संविधान के चार सिद्धांतों में से दो ‘यानी धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद को हटाने की मांग की है। इसके साथ ही शेख मुजीबुर रहमान का राष्ट्रपिता का दर्जा खत्म करने की भी मांग रखी गई है। इसके अलावा संविधानेतर तरीकों से सरकार बदलने के लिए मौत की सजा का प्रावधान करने की मांग की गई।

संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती

बांग्लादेशी कोर्ट में दायर की गई रिट याचिका में साल 2011 में तत्कालीन शेख हसीना सरकार द्वारा किए गए संविधान के 15वें संशोधन की वैधता को चुनौती दी गई है। इस संशोधन के तहत धर्मनिरपेक्षता की बहाली, चुनाव की निगरानी के लिए अंतरिम सरकार के सिस्टम को खत्म करना, संविधानेतर तरीकों से सत्ता संभालने और शेख मुजीबुर रहमान को राष्ट्रपिता का दर्जा देने के फैसले शामिल थे। कोर्ट में दलील दी गई है कि शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के नेता थे। हालांकि, अवामी लीग पार्टी ने अपने हित में उनका राजनीतिकरण किया है।

कोर्ट ने अंतरिम सरकार से मांगा जवाब

बांग्लादेश की हाई कोर्ट के दो जजों की पीठ ने एक नियम जारी किया है और मोहम्मद युनुस की सरकार से इस मामले में अपना रुख बताने को कहा है। आपको बता दें कि बीते 5 अगस्त को छात्रों के प्रदर्शन और बड़े स्तर पर हिंसा के बीच बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग की सरकार का तख्तापलट कर दिया गया था। (इनपुट: भाषा)

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