Highlights
- 'चीन BRI के बहाने चीन गरीब देशों को दे रहा है कर्ज'
- बांग्लादेश नहीं बनना चाहता श्रीलंका, वित्त मंत्री बोले चीन के कर्ज से बचें गरीब देश
- बांग्लादेश में बढ़ी महंगाई, पेट्रोल डीजल की कीमतों में उछाल
Bangladesh News: चीन के कर्ज देकर गरीब देशों को फंसाने के मकड़जाल के बारे में अब दुनिया के देश समझने लगे हैं। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश ने चीन के कर्ज के जाल में फंसाने की हरकतों के बारे में गरीब देशों को आगाह किया है। शेख हसीना सरकार में फाइनेंस मिनिस्टर मुस्तफा कमाल ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि-'चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) अच्छा तो है, लेकिन इसके बहाने चीन गरीब देशों को जो कर्ज दे रहा है वो इन छोटे और विकासशील देशों को तबाह कर सकता है।' कमाल का बयान इसलिए खास है क्योंकि किसी देश का वित्तमंत्री स्तर का व्यक्ति खुद कर्ज जाल के बारे में इतने सीधे तरह से आगाह कर रहा है।
दरअसल, बांग्लादेश भी चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट यानी BRI में शामिल है। बीआरआई के माध्यम से ही चीन हमारे पड़ोसी देशों को लालच देकर इन देशों में अपनी घुसपैठ करना चाहता है। चीन ने श्रीलंका के साथ भी ऐसा ही किया था, कर्ज देकर उसे कंगाल कर दिया। चीन की इसी चाल को बांग्लादेश समझ गया है। इसलिए वह श्रीलंका की राह नहीं चलना चाहता। यही कारण है कि कर्ज को लेकर बांग्लादेश के फाइनेंस मिनिस्टर ने सीधे तौर पर यह बयान दिया है।
क्या है BRI, क्या है चीन की मंशा?
BRI के तहत रेल, सड़क और समुद्री मार्ग से एशिया, यूरोप, अफ्रीका के 70 देशों को जोड़ने का प्लान है। भले ही चीन इसे अपने कारोबार से जुड़ा बताए, लेकिन बीआरआई के माध्यम से चीन हिंद महासागर और हमारे पड़ोसी देशों में बीआरआई के माध्यम से निगरानी पोस्ट बनाना चाहता है
बांग्लादेश में बढ़ी महंगाई, पेट्रोल डीजल की कीमतों में उछाल
बांग्लादेश भी अपनी अर्थव्यवस्था के एक स्तर को बनाए रखने के लिए जूझ रहा है। यहां भी पिछले दो महीनों के दौरान महंगाई बढ़ गई है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 52 फीसदी तक उछाल आ गया है। हालांकि इसके पीछे शेख हसीना सरकार यह जरूर कहती है कि रूस और यूक्रेन जंग के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी हैं, इसलिए पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़े हैं।
विदेशी मुद्रा भंडार भी कम हुआ, 40 अरब डॉलर से नीचे आया
बांग्लदेश के लिए परेशानी की बात यह भी है कि बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेन रिजर्व या फॉरेक्स रिजर्व) भी गिर गया है। यह अब 40 अरब डॉलर से भी नीचे आ चुका है। खुद सरकार कहती है कि इस रिजर्व से सिर्फ पांच महीने ही इम्पोर्ट किया जा सकता है।
भारत की इस मदद की वजह से कंगाल नहीं होगा बांग्लादेश
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बांग्लादेश में भले ही महंगाई बढ़ रही हो, विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा हो, लेकिन यहां रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट्स बांग्लादेश को बचा लेगा। क्योंकि 90% कॉटन तो भारत ही बांग्लादेश को देता है। इसी बीच बांग्लादेश एशिया के उन देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने खाली होते फॉरेन रिजर्व से निपटने के लिए इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) का दरवाजा खटखटाया है। बांग्लादेश ने IMF से 4.5 अरब डॉलर का पैकेज मांगा है।