ढाका: बांग्लादेश में हालात सामान्य नहीं है। यहां से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। बांग्लादेश में ऐसा कुछ हुआ है जो इससे पहले इस देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ। बांग्लादेश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त काजी हबीबुल अवाल की अध्यक्षता वाले पूरे पांच सदस्यीय निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। देश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद यह घटनाक्रम हुआ है। यह पहली बार है जब देश के निर्वाचन आयोग ने अपना निर्धारित कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। अवाल को फरवरी 2022 में पांच साल के कार्यकाल के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया था। सेना के जवान निर्वाचन आयोग के बाहर और परिसर में तैनात किए गए थे, क्योंकि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी राजधानी के अगरगांव इलाके में स्थित निर्वाचन भवन के सामने एकत्र हुए तथा अवाल और आयोग के अन्य सदस्यों के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
पहले ऐसा कभी नहीं हुआ
अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अवाल ने कहा कि बांग्लादेश के 53 साल के इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है कि किसी निर्वाचन आयोग ने अपना कार्यकाल पूरा किए बिना स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया हो। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य आयुक्तों - ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद अहसान हबीब खान, रशीदा सुल्ताना, मोहम्मद आलमगीर और मोहम्मद अनीसुर रहमान - ने पांच अगस्त को शेख हसीना की सरकार के पतन के ठीक एक महीने बाद इस्तीफा दे दिया।
निर्वाचन आयोग की आलोचना
निर्वाचन आयोग को विशेष रूप से सात जनवरी को आम चुनाव कराने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जिसका मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) सहित अधिकतर दलों ने बहिष्कार किया था। इस चुनाव में शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग लगातार चौथी बार फिर से निर्वाचित हुई थी। (भाषा)
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