ढाका: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अब वहां के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट का घेराव किया था और ओबैदुल हसन को इस्तीफा देने के लिए एक घंटे की मोहलत दी थी। ओबैदुल हसन ने नवगठित अंतरिम सरकार से परामर्श किए बिना सभी न्यायाधीशों की एक बैठक बुलाई थी, जिसका प्रदर्शनकारियों ने विरोध किया और इस्तीफे की मांग पर अड़ गए। ओबैदुल हसन पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त हुए थे। हसन को प्रधानमंत्री शेख हसीना का वफादार माना जाता है।
शेख हसीना को छोड़ना पड़ा देश
बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों जो हुआ उससे सत्ता लेकर सियासत तक बदल गई है। नौकरियों में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ बांग्लादेश में व्यापक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था साथ ही उन्हें देश तक छोड़ना पड़ा था। शेख हसीना के बाद नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप चुना गया है। बांग्लादेश की नवगठित अंतरिम सरकार ने ‘बड़े देशों' के साथ ढाका के संबंधों में ‘संतुलन' बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि कानून एवं व्यवस्था बहाल करना इस समय अंतरिम सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है, पहला लक्ष्य हासिल हो जाने के बाद अन्य कार्य भी हो जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट परिसर में सेना तैनात
सैकड़ों प्रदर्शनकारी छात्रों के एकत्र होने के कारण बांग्लादेशी सेना के जवानों को सुप्रीम कोर्ट परिसर में तैनात किया गया है। ‘डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश ने उच्चतम न्यायालय परिसर में पत्रकारों को बताया कि उन्होंने बदलती परिस्थितियों के बीच देश भर में उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय और निचली अदालतों के न्यायाधीशों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस्तीफा देने का फैसला किया है।
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