ढाका: बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नसीरुद्दीन ने बड़ी बात कही है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर यदि सरकार या न्यायपालिका प्रतिबंध नहीं लगाती तो पार्टी चुनाव लड़ सकती है। समाचार पत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ की एक खबर के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ने चटगांव सर्किट हाउस में चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह बात कही।
'स्वतंत्र है चुनाव आयोग'
नसीरुद्दीन ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह स्वतंत्र है और उस पर कोई बाहरी दबाव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ बांग्लादेश में हुए पिछले कुछ चुनावों में मतदान में भारी गिरावट आई है। पिछले चुनावों में मुख्य विपक्षी पार्टियों ने धांधली का आरोप लगाते हुए चुनावों का बहिष्कार कर दिया था।
मतदाता सूची होगी अपडेट
सीईसी ने पिछले चुनावों में फर्जी मतदाताओं के मुद्दे को भी स्वीकार किया और मतदाता पंजीकरण में गिरावट का कारण मतदान प्रक्रिया में अविश्वास को बताया। उन्होंने जल्द ही मतदाता सूची को अपडेट करने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘‘मतदाता सूची अगले छह महीनों में अपडेट कर दी जाएगी। इस बार चुनाव पिछले बार की तरह नहीं होंगे। पांच अगस्त के बाद से चुनावी मामलों पर राष्ट्रीय सहमति बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।’’
यह भी जानें
इस बीच यहां यह भी बता दें कि, बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की ओर से नाबालिगों को भी वोट देने का अधिकार देने की सिफारिश की गई है। अगर इस प्रस्ताव को मान लिया गया तो बांग्लादेश में नाबालिग यानी 18 साल से कम उम्र के लोग भी वोट देने के लिए पात्र होंगे। हालांकि, बांग्लादेश की नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि मतदान की न्यूनतम आयु घटाकर 17 साल की जानी चाहिए। (भाषा)
यह भी पढ़ें:
इंसान अब चंद्रमा पर करेगा माइनिंग? मन में उठ रहे हैं सवाल तो जान लीजिए जवाब
साल 2024 के आखिरी दिन चीन ने दी घमकी, शी जिनपिंग बोले हमारा होकर रहेगा ताइवान