चीन की कोरोना वैक्सीन बेअसर साबित हुई है। इस बात की जानकारी पूरी दुनिया को लग गई है। क्योंकि चीन में बेलगाम कोरोना को चीनी वैक्सीन काबू नहीं कर पाई। इससे चीनी लोगों की इम्यूनिटी भी पूरी तरह नहीं बन पाई। इसी बीच जर्मनी ने अपनी वैक्सीन 'बायोनटेक' चीन में भेजी है। अहम बात यह है कि यह वैक्सीन जर्मनी ने चीन नागरिकों के लिए नहीं, बल्कि चीन में रहने वाले अपने लोगों को लगाने के लिए भेजी है। जर्मनी को चीन की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है।
जर्मनी ने चीन भेजी अपनी वैक्सीन 'बायोनटेक' की पहली खेप
कोरोना वायरस के संक्रमण से पिछले तीन सालों से दुनिया जूझ रही है। जब लगता है कि कोरोना दुनिया से विदा हो रहा है। अचानक फिर मामले बढ़ने लग जाते हैं। इसी बीच चीन में कोरोना विस्फोट हुआ है। इस बीच पहली बार चीन में जर्मनी की ओर से टीका भेजा जा रहा है। जर्मनी ने अपने 'बायोनटेक' टीके की पहली खेप चीन भेजी है। हालांकि यह वैक्सीन चीनी नागरिकों को नहीं लगाई जाएगी। बल्कि चीन में रहने वाले जर्मनी के प्रवासियों को यह टीका लगाया जाएगा। इस बात से यह साफ है कि जर्मनी को चीन की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है।
सबसे पहले चीन ने बनाई थी अपनी वैक्सीन, दुनिया ने उठाए थे सवाल
यह विडंबना है कि दुनिया में सबसे पहले चीन ने ही अपनी वैक्सीन 'सिनोवैक' बनाने का ऐलान किया था। तब चीन ने अपने नागरिकों को यह वैक्सीन लगाई थी। तब दुनियाभर की तमाम संस्थाओं के साथ ही डब्ल्यूएचओ ने भी इस वैक्सीन पर सवाल उठाए थे। अब जर्मनी भी चीनी वैक्सीन पर भरोसा न करके अपनी वैक्सीन चीन में रहने वाले जर्मनी के प्रवासियों के लिए भेज रहा है। पहली खेप में करीब 20 हजार टीके भेजे गए हैं। जर्मनी ने चीन में रहने वाले अन्य विदेशी नागरिकों से भी कहा है कि यदि वे चाहते हैं तो जर्मनी की वैक्सीन लगवा सकते हैं। इस मामले में बुरी तरह खिसियाए चीन ने भी जर्मनी से मांग की है कि उनके देश में रहने वाले चीनी नागरिकों को भी सिनोवैक लगाने की ही परमिशन दी जाए।
जर्मनी ने चीन से कहा-स्थानीय नागरिक चाहें तो उन्हें भी लगाएं हमारा टीका
जर्मनी ने चीन से मांग की है कि यदि स्थानीय नागरिक भी चाहें तो वे हमारा टीका लगवा सकते हैं। हालांकि चीन इससे सहमत नहीं दिखा है। बता दें कि चीन में पिछले कुछ दिनों में ही कोरोना के लाखों केसेस आ चुके हैं। वहां कोरोना की स्थिति भयावह हो गई है। हालांकि चीन पूरी तरह से कोरोना केस और उससे होने वाली मौतों के आंकड़े स्पष्ट नहीं कर रहा है।