Highlights
- पाकिस्तान में दिग्गज हस्तियों के ऑडियो लीक
- पूर्व पीएम इमरान खान का ऑडियो वायरल
- कैबिनेट ने उनके खिलाफ कार्रवाई को दी मंजूरी
Imran Khan Audio Leak: पाकिस्तान की कैबिनेट ने ऑडियो लीक मामले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का रविवार को फैसला किया है। हाल में लीक हुए ऑडियो में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के तीन नेताओं को पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान के साथ अमेरिकी साइफर (गूढ़लेख) के बारे में बात करते हुए सुना जा सकता है। इसके अनुसार, लीक हुए इस ऑडियो में खान अपनी सरकार को गिराने की कथित साजिश के बारे में भी बात कर रहे थे।
इस ऑडियो लीक का संज्ञान लेते हुए कैबिनेट ने 30 सितंबर को एक समिति का गठन किया था। समिति ने इस ऑडियो लीक को लेकर कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की। ‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार कैबिनेट समिति ने सिफारिश की है, ‘यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, जिसका राष्ट्रीय हितों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और इस संबंध में कानूनी कार्रवाई महत्वपूर्ण है।’ संघीय जांच एजेंसी को अमेरिकी साइबर और ऑडियो लीक की जांच का काम सौंपा जाएगा।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जांच को रोकने के लिए सरकार की कार्रवाई ने उनकी पार्टी के रुख का समर्थन किया कि साइफर वास्तविक था और खान की सरकार को गिराने का कारण बना। उन्होंने कहा, ‘हमने कभी ऐसा कदम नहीं उठाया, जिससे पाकिस्तान के हितों को ठेस पहुंचे। हमने गरिमा के साथ इस देश की सेवा की और आगे भी करते रहेंगे।’
इस बीच, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाज शरीफ ने शनिवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त किया और कहा कि इतने सारे आरोप होने के बावजूद सरकार खान को गिरफ्तार करने में विफल रही है। उन्होंने खान के बानी गाला स्थित आवास पर छापेमारी करने की मांग की। वित्त मंत्री इसहाक डार ने कहा कि खान ‘सत्ता के भूखे’ हैं और ‘किसी भी कीमत पर’ देश पर शासन करना चाहते हैं।
लीक ऑडियो में क्या बोल रहे इमरान खान
लीक ऑडियो में इमरान खान को यह कहते सुना जा सकता है, “हमें सिर्फ इसी (साइफर) पर खेलना है। हमें (किसी भी देश का) नाम लेने की जरूरत नहीं है। हमें बस इसके साथ खेलना है, कि (अविश्वास प्रस्ताव की) यह तारीख पहले (से तय) थी।” दूसरी आवाज जाहिर तौर पर आजम खान की है, जो ‘साइफर’ पर बैठक बुलाने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “'देखिए, यदि आपको याद हो, तो उसमें राजदूत ने अंत में आपत्तिपत्र (भेजने) के लिए लिखा है। भले ही आपत्तिपत्र नहीं भेजा जाना है।”
आजम खान ने कहा, “शाह महमूद कुरैशी (इमरान की सरकार में विदेश मंत्री) और विदेश सचिव के साथ बैठक करते हैं। शाह महमूद कुरैशी उस पत्र को पढ़ेंगे और जो कुछ भी वह पढ़ेंगे उसे एक प्रति में बदल दिया जाएगा। फिर मैं (इससे) मिनट (लिखित ब्यौरा) तैयार करूंगा कि विदेश सचिव ने इसे तैयार किया है।” पूर्व प्रधान सचिव ने कहा, “लेकिन इसका (साइफर का) यही विश्लेषण होना चाहिए। हम इसका विश्लेषण करेंगे और उसका ब्यौरा तैयार करेंगे, क्योंकि हम चाहते हैं कि यह आधिकारिक रिकॉर्ड बन जाए।” वह बताते हैं कि विश्लेषण का यह निष्कर्ष निकालेगा कि 'यह एक धमकी है। इसे कूटनीतिक भाषा में धमकी कहा जाता है।'
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने औपचारिक रूप से, ऑडियो लीक पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन जब पत्रकारों ने इमरान खान से पूछा कि ‘साइफर’ से खेलने का उनका क्या मतलब है, तब उन्होंने कहा, 'मैंने अभी तक खेलना शुरू नहीं किया है।' उन्होंने कहा कि ‘साइफर’ के मसले की उचित तरीके से जांच की जानी चाहिए।