पाकिस्तान की सेना के कई जवानों और पुलिस कर्मियों पर हमला हुआ है। इस हमले में कई पाक सैनिकों और पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। इसकी संख्या अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। 9 सैनिकों को बंधक बना लिया गया है। यह हमला रविवार को तालिबान के 'जुड़वा' तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने किया है। रविवार को पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम में स्थित खैबर पख्तूनख्वा में बन्नू छावनी में आतंकवाद निरोधी विभाग (CTD) पर यह हमला हुआ है।
जानकारी के मुताबिक इस हमले में सेना के कई जवानों और पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जिनकी संख्या अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आतंकियों ने खतरनाक हथियार से हमला किया, जिसमें हैंड ग्रेनेड और रॉकेट लॉन्चर भी शामिल हैं। वहीं एक अन्य घटना में दक्षिणी वजीरिस्तान में थाने पर हमले में कम से कम चार पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। यह जानकारी पाक पुलिस के सूत्रों से मिली है।
TTP ने कैद किए गए अपने साथियों को छुड़ाया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छह-सात TTP के सदस्यों ने CTD स्टेशन पर हमला किया था। यहां कैद किए गए अपने साथियों को छुड़ाया और 15-20 लोगों को बंधक बनाकर इमारत पर कब्जा कर लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक TTP लड़ाके पूरी तैयारी के साथ आए थे। CTD मुख्यालय के अंदर से TTP के सदस्यों ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें बताया गया कि पाकिस्तानी सेना के 9 कर्मियों को बंधक बनाया गया है। इसमें सूबेदार मेजर खुर्शीद अकरम भी शामिल हैं।
क्या है TTP की मांग
TTP ने अफगानिस्तान जाने के लिए एक सुरक्षित रास्ते की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसी बीच CTD बिल्डिंग से जुड़ी फोन लाइन को काट दिया गया है। TTP के उग्रवादियों ने नागरिकों को शरिया का पालन करने वाले पम्पलेट भी बांटे। इससे पहले 15 दिसंबर को TTP लड़ाकों और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच सीमा पार से झड़प हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक TTP की ओर से मोर्टार और मशीन गन का इस्तेमाल किया गया।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पड़ने वाले चमन बॉर्डर पर TTP के हमले में कई महिलाएं और बच्चे घायल हो गए। यह घटना ऐसे समय में हुई थी जब यूनाइटेड स्टेट्स सेंट्रल कमांड के कमांडर पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय का दौरा कर रहे थे। यहां उन्होंने असीम मुनीर से मुलाकात की थी।
TTP और पाकिस्तान का सीजफायर खत्म
गौरतलब है कि 28 नवंबर को तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने पाकिस्तानी सेना के साथ सीजफायर खत्म करने की घोषणा की थी। उसी दिन की बात है जिस दिन जनरल बाजवा रिटायर हुए थे। पाकिस्तान की सरकार और TTP के बीच नवंबर में सीजफायर शुरु हुआ था।