लाहौर: पाकिस्तान पुलिस ने अहमदिया मुस्लिम समुदाय के 600 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ ईशनिंदा के आरोप समेत कई मामूली आरोपों में मामला दर्ज किया है। अहमदिया मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें ईद-अल-अजहा के दौरान अपनी धार्मिक आस्था का पालन करने से भी रोक दिया गया था। बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा को लेकर बेहद सख्त कानून है और इसमें दोषी पाए जाने पर फांसी तक की सजा हो सकती है।
‘यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी उल्लंघन है’
‘जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान’ नामक अल्पसंख्यक समुदाय के संगठन ने एक बयान जारी उसके सदस्यों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। बयान के मुताबिक पुलिस ने कुछ हफ्ते पहले ईद के दौरान अहमदिया समुदाय के खिलाफ ईशनिंदा के आरोप समेत बेहद मामूली आरोपों के सिलसिले में मामले दर्ज किए हैं। ‘जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान’ ने एक बयान में कहा, ‘अहमदिया मुस्लिम समुदाय के लोग पाकिस्तान में अपने घरों की चारदीवारी के भीतर भी अपनी धार्मिक आस्था का पालन नहीं कर सकते। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी घोर उल्लंघन है।’
खुद को मुसलमान नहीं कह सकते अहमदिया
बता दें कि पाकिस्तान में लगभग 40 लाख अहमदिया मुसलमान रहते हैं। अहमदिया समुदाय की स्थापना 1889 में कादियान नाम के एक गांव में हुई थी, जो अब भारत के पंजाब में है। साल 1974 में पाकिस्तान में जुल्फिकार अली भुट्टो सरकार ने अहमदियों को गैर-मुस्लिम घोषित करते हुए एक संवैधानिक संशोधन पेश किया था। इसके 10 साल बाद तानाशाह शासक जिया-उल-हक के शासन के दौरान अहमदिया समुदाय पर और प्रतिबंध लगाते हुए एक कानूनी अध्यादेश लागू किया गया और उन्हें खुद को मुसलमान बताने को अपराध घोषित कर दिया गया।