Highlights
- जापान ने हिरोशिमा बमबारी की 77वीं वर्षगांठ मनाई
- हथियारों की दौड़ पर यूएन महासचिव गुटेरेस ने चिंता जताई
- 6 अगस्त 1945 को सुबह करीब आठ बजे परमाणु बम गिराया था
Atomic bombings of Hiroshima: जापान में आज ही के दिन 6 अगस्त को हिरोशिमा पर दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान परमाणु बम गिराया गया था। आज जापान में परमाणु बमबारी की 77वीं वर्षगांठ मनाई गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुबह 8.15 बजे मौन रखा गया, ठीक उसी समय जब 6 अगस्त, 1945 को शहर के ऊपर अमेरिका ने यूरेनियम बम गिराया था, जिसमें लगभग 1 लाख 40,000 लोग मारे गए थे और लाखों लोग रेडिएशन के संपर्क में आ गए।
पीस मेमोरियल पार्क में आयोजित एक स्मारक समारोह में, हिरोशिमा के मेयर काजुमी मात्सुई ने शांति घोषणा में आगाह किया कि दुनिया में परमाणु पर निर्भरता बढ़ रही है। उन्होंने कहा, "हमें तुरंत सभी परमाणु बमों को नष्ट कर देना चाहिए।" समारोह में प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, 99 देशों के प्रतिनिधि, साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी शामिल हुए, जो 12 वर्षो से इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले विश्व निकाय के पहले प्रमुख हैं।
हथियारों की दौड़ पर यूएन महासचिव गुटेरेस ने चिंता जताई
गुटेरेस ने अपने भाषण में चेतावनी दी कि हथियारों की एक नई दौड़ शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, "जापान वैश्विक सुरक्षा तनाव के बावजूद देश में परमाणु हथियार ना रखने, ना उत्पादन करने और ना ही इसकी अनुमति देने के सिद्धांतों का पालन करेगा।"
कब हुआ था जापान पर परमाणु हमला
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका और जापान आमने-सामने थे। इसमें जापान की आर्थिक स्थिति बहुत बिगड़ चुकी थी। 6 अगस्त 1945 को सुबह करीब आठ बजे अमेरिकी विमानों ने 'लिटिल बॉय' नाम के परमाणु बम गिराया था। इसकी शक्ति 12500 टन टीएनटी के बराबर थी और जब ये फटा तो तापमान अचानक दस लाख सेंटीग्रेड पहुंच गया और ऊपर से द ग्रेट आर्टिस्ट के पायलेट मेजर चार्ल्स स्वीनी ने एक विशाल आग का गोला बनता देखा।
9 अगस्त को नागासाकी पर गिराया गया था दूसरा एटमी बम
इसके बाद 9 अगस्त 1945 को अमेरिका ने दूसरा एटम बम नागासाकी पर दोपहर के समय गिराया। अमेरिका ने इस बम का नाम 'फैट मैन' रखा था। इस बम की तबाही से आस पास का कई किलोमीटर का इलाका बंजर जमीन में तब्दील हो गया। लोगों के मुंह से सिर्फ 'बचाओ-बचाओ' की आवाज सुनाई दे रही थी। एटम बम के इस हमले के बाद मानव शरीर से पानी को बाहर खींच लिया गया। लोग पानी के लिए तरसने लगे। बहुत तेज रोशनी के बाद जापान के इस नगर में पूरी तरह अंधेरा छा गया।