Wednesday, November 20, 2024
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इजरायल से जंग छिड़ते ही दोस्त हो गए 2 दुश्मन मुस्लिम देश, हाल ही में एक दूसरे पर किए थे बड़े हवाई हमले

इजरायल-हमास युद्ध और इजरायल-ईरान युद्ध ने मध्य-पूर्व में बहुत कुछ परिवर्तन दिखाया है। इजरायल-हमास युद्ध के दौरान लेबनान, सीरिया और ईरान पहले ही तेल-अवीव के खिलाफ अप्रत्यक्ष युद्ध में शामिल थे। मगर ईरान-इजरायल द्वारा एक दूसरे पर हवाई हमले ने अब पाकिस्तान और ईरान की दुश्मनी को भी दोस्ती में बदल दिया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: April 24, 2024 19:24 IST
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ।- India TV Hindi
Image Source : AP ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ।

इस्लामाबादः इजरायल से ईरान की जंग छिड़ते ही दो कट्टर दुश्मन मुस्लिम दोस्त आपस में दोस्त बन गए। जबकि इन दोनों देशों में इतनी भयंकर दुश्मनी थी कि हाल ही में एक दूसरे पर बड़ा हवाई हमला किया था। यह कोई और नहीं, बल्कि ईरान और पाकिस्तान हैं। अभी एक माह भी नहीं हुआ होगा कि जब दोनों देशों ने एक दूसरे के क्षेत्र में बड़ी एयरस्ट्राइक की थी। इससे दोनों देशों के संबंध बहुत ही खतरनाक स्थिति में पहुंच गए थे। मगर इधर इजरायल और ईरान की जंग छिड़ने के बाद ये दोनों देश फिर से आपस में दोस्त बन गए हैं। वजह साफ दिखाई दे रही है। ईरान को इजरायल से मुकाबले के लिए पाकिस्तान के मदद की जरूरत पड़ सकती है। आखिरकार वह परमाणु संपन्न देश है। ईरान के पास परमाणु बम नहीं हैं। जबकि इजरायल के पास काफी संख्या में परमाणु बमों का जखीरा है।

इजरायल से जंग छिड़ने के बाद ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने पाकिस्तान का अचानक 3 दिवसीय दौरा करके फिर से दोस्ती की नींव रखी। रईसी ने बुधवार को पाकिस्तान की अपनी तीन-दिवसीय पहली यात्रा संपन्न करके स्वदेश लौट गए। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद से निपटने और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए सेना प्रमुख सहित देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ 'लाभदायक बातचीत' की। आठ फरवरी के आम चुनाव के बाद किसी राष्ट्राध्यक्ष का यह पहला पाकिस्तानी दौरा था। दोनों पक्षों ने आने वाले वर्षों में व्यापार को 10 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का संकल्प लेते हुए आठ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

उद्योग विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग को तत्पर

जितना जरूरत इजरायल से जंग के वक्त में ईरान को पाकिस्तान की है, उतनी ही आवश्यकता पाकिस्तान को आर्थिक तंगी में ईरान की भी है। इसलिए दोनों देशों ने फिर से दोस्ती की ओर कदम बढ़ा दिए हैं।रईसी ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि तेहरान पाकिस्तान के साथ उद्योग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग करने के लिए तैयार है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के बीच लाभदायक बातचीत हुई। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए बताया, ''दोनों पक्षों के बीच व्यापार, ऊर्जा और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर सहमति बनी।’

दोनों देशों ने एक दूसरे पर किए थे हवाई हमले

रईसी की पाकिस्तान यात्रा ऐसे समय में हुई, जब तीन महीने पहले दोनों पड़ोसी देशों ने एक-दूसरे के इलाकों में कथित आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किये थे। उन्होंने विशेष रूप से सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ बैठक की थी। दोनों पक्षों ने आतंकवाद के खतरे को खत्म करने पर सहमति जताई, जिसके कारण जनवरी में उनके संबंधों में दरार आ गई थी। दोनों देशों ने फिलिस्तीन के लोगों के प्रति अपना समर्थन जताया और इजरायल से गाजा पर हमला बंद करने की मांग की। ईरान के राष्ट्रपति को कराची विश्वविद्यालय द्वारा मानद पीएचडी उपाधि से भी सम्मानित किया गया। कराची विश्वविद्यालय ने ईरान के राष्ट्रपति को मानद पीएचडी उपाधि से सम्मानित किया। (भाषा)

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