नाइजर में सेना द्वारा सरकार का तख्तापलट करने पर अफ्रीकी देश खफा हो गए हैं। अफ्रीकी देशों ने नाइजर सेना से दो टूक कहा है कि यदि एक हफ्ते में राष्ट्रपति को बहाल नहीं किया गया तो बल का प्रयोग भी किया जा सकता है। पश्चिम अफ्रीकी देशों ने नाइजर में तख्तापलट करने वाले नेताओं को देश में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति को पद पर बहाल करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दी हे है। साथ ही मांग पूरी नहीं होने पर बल प्रयोग की धमकी भी दे दी है।
बता दें कि नाइजीरिया में रविवार को पश्चिम अफ्रीकी देशों की एक आपात बैठक की समाप्ति के बाद यह घोषणा की गई। आपात बैठक में क्षेत्रीय गुट ‘पश्चिम अफ्रीका राज्य आर्थिक समुदाय’ (ईसीओडब्लूएएस) को पिछले सप्ताह हुए सेना के तख्तापलट पर जवाब देने के लिए बुलाया गया था। राष्ट्रपति मोहम्मद बाजौम अभी नजरबंद हैं और उन्होंने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है। एक बयान में कहा गया, ''अगर प्राधिकारियों की मांग को एक सप्ताह के भीतर पूरा नहीं किया जाता है तो नाइजर गणराज्य में संवैधानिक ढांचे को बहाल करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे जिनमें बल प्रयोग भी शामिल हो सकता है।'
नहीं बदले हालात तो नाइजर पर लगे प्रतिबंध हो सकते हैं विनाशकारी
' समूह ने ईसीओडब्लूएएस के सदस्य राज्यों और नाइजर के बीच सभी व्यापारिक और वित्तीय लेन-देन को निलंबित करने सहित कड़े प्रतिबंध लगाए हैं और क्षेत्रीय केंद्रीय बैंकों में आस्तियों को फ्रीज कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक, आर्थिक प्रतिबंध दुनिया के तीसरे सबसे गरीब देश को गहरे तक प्रभावित कर सकते हैं। अंतरारष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, नाइजर अपनी 90 फीसदी विद्युत ऊर्जा के लिए नाइजीरिया से आयात पर निर्भर रहता है। नाइजर के प्रधानमंत्री औहौमौदौ महामदौ ने रविवार को फ्रांस के मीडिया संस्थान रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल को बताया कि ये प्रतिबंध विनाशकारी हो सकते हैं और नाइजर को इनसे बचने के लिए कोई समाधान तलाशने की जरूरत है। (एपी)
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