Houthi Rebels in Red Sea: लाल सागर में ब्रिटेन और अमेरिका मिलकर हूती विद्रोहियों से खुलकर लड़ाई लड़ रहे हैं। दोनों देशों ने मिलकर लाल सागर में हूती विद्रोहियों की हरकतों पर करारा जवाब दिया है। ये हूती विद्रोही नवंबर से ही लाल सागर में जाने वाले अंतरराष्ट्रीय मालवाहक शिप्स को निशाना बना रहे हैं। यमन के इन हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर इसी कारण से अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर हर्वा हमले किए हैं। लेकिन यमन के हूतियों ने भी दोनों देशों के ठिकानों पर पलटवार किया है। बौखलाए हूतियों ने अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाकर एंटी शिप क्रूज मिसाइलें दागी हैं।
हूती विद्रोहियों के हमलों पर अमेरिकी सेंट्रल कमांड का बयान यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिकी लड़ाकू विमान ने हूतियों द्वारा दागी गई एक एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल को मार गिराया है। इस मिसाइल को यमन के ईरानी समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा यूएसएस लाबून की ओर दागा गया था। इन हमलों में किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है।
अमेरिका और ब्रिटेन ने हाल ही में किए ताबड़तोड़ हवाई हमले
इससे पहले अमेरिकी वायुसेना ने हूती ठिकानों पर पहला हवाई हमला करने के बाद कहा था कि उसने यमन में हूती द्वारा इस्तेमाल किए गए 16 स्थानों पर 60 से अधिक ठिकानों पर हमला किया है। यमन की राजधानी सना और अल-हुदायदाह में अमेरिका और ब्रिटेन ने मिसाइलें दागी हैं। ये दोनों शहर लाल सागर बंदरगाह क्षेत्र में हूतियों के गढ़ माने जाते हैं। हूती अधिकारियों ने जवाबी प्रतिक्रिया में ब्रिटेन और अमेरिका को चेतावनी दी है। हूती विद्राहियों ने भी अमेरिका और ब्रिटेन को चेतावनी देकर कहा है कि उन्हें ‘भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।'
लाल सागर में जहाजों को क्यों निशाना बना रहे हूती विद्रोही?
इजरायल ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के जवाब में गाजा में जब बमबारी शुरू की तो हूतियों ने हमास के लिए अपना समर्थन घोषित किया। हूती विद्रोहियों ने हमास के समर्थन में हा था कि वे इजराइल जाने वाले जहाजों को निशाना बनाएंगे और वह यही कर रहा है। हालांकि जो जहाज इजराइल नहीं जा रहे, उन पर भी हूती विद्रोही हमला कर रहे हैं। नवंबर और दिसंबर के बीच लाल सागर में हूतियों ने जो हमले किए, उनकी संख्या 500 फीसदी बढ़ गई है।
कई जहाज कंपनियों ने लाल सागर में संचालन किया बंद
हूती विद्रोहियों के हमले हाल के समय में इतने बढ़ गए हैं कि कई प्रमुख शिपिंग कंपनियों ने इस क्षेत्र में जहाजों का परिचालन बंद कर दिया। यमन के बड़े हिस्से पर हूती विद्रोहियों का कब्जा है। कई जहाजों ने अफ्रीका में परिचालन निलंबित कर दिया है या फिर लाल सागर और अरब सागर की बजाय दूसरा लंबा रास्ता अपना लिया है।