भारत के दुश्मनों का देश से बाहर लगातार सफाया हो रहा है। भारत के खिलाफ अक्सर जहर उगलने वाले लश्कर-ए-तैय्यबा के आतंकी अकरम खान उर्फ अकरम गाजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। अकरम गाजी को गुरुवार को पाकिस्तान के बाजौर में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। वह 2018 से 2020 तक भर्ती सेल का हेड भी था। वह भारत के खिलाफ चरमपंथी गातिविधियों में शामिल था। वह आतंकियों की भर्ती के लिए जिम्मेदार था। कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने में उसकी अहम भूमिका थी। गाजी की हत्या के पीछे स्थानीय प्रतिद्वंदियों और लश्कर के भीतर आंतरिक संघर्ष को वजह माना जा रहा है। पाकिस्तान की एजेंसियां गाजी की हत्या की जांच कर रही हैं।
भारत के दुश्मन गाजी की हत्या लश्कर और उसके मूल संगठन आइएसआइ के लिए बड़ा झटका है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में लश्कर कमांडर गाजी को गोली मारी गई है। पिछले एक सप्ताह में पाकिस्तान में हुई भारत के दुश्मन की लगातार यह दूसरी हत्या है। इससे पहले एक और आतंकी को अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया था। वह 2018-20 के दौरान कश्मीर के युवाओं को आतंकी संगठन में बहला-फुसलाकर भर्ती करने के लिए प्रमुख तौर पर जिम्मेदार था। कश्मीर घाटी में उसने कई कट्टरपंथियों को आतंकी बना दिया था और भारत में घुसपैठ कराई थी।
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले का था मास्टरमाइंड
वर्ष 2018 में जम्मू-कश्मीर के सुंजवान में हुए आतंकी हमले का वह मास्टरमाइंड था। अकरम गाजी ने कश्मीर से ख्वाजा शाहिद का अपहरण कर लिया था। बाद में पीओके में नियंत्रण रेखा के पास उसका कटा हुआ सिर पाया गया था। वह भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने के मुख्य सूत्रधारों में से एक था। अकरम गाजी भारत के खिलाफ अपने भाषणों में जहरीले बोल बोलता था। वह आतंकियों की केंद्रीय भर्ती सेल का मुख्य सदस्य था। खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर में बाइक सवार बदमाशों ने उसे गोली मार दी। इससे पहले सितंबर माह में एक अन्य लश्कर कमांडर रियाज अहमद की पीओके के रावलकोट में अल कुटूस मस्जिद के बाहर हत्या कर दी गई थी।
हाल ही में मारे गए भारत के अन्य दुश्मन
भारत के दुश्मन विदेशों में लगातार मारे जा रहे हैं। पिछले 10 अक्टूबर को फिदायीन दस्ते के मुख्य संचालक और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शाहिद लतीफ की भी पाकिस्तान के सियालकोट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह भारत के पठानकोट में वर्ष 2016 में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार था। अभी करीब एक माह पहले भारत के एक अन्य दुश्मन मुफ्ती कैसर फारूक की भी पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी। उसे गुलशन-ए-उमर मदरसे में मारा गया था। वहीं लश्कर के मौलाना जियाउर रहमान को भी हमलावरों ने कराची में गोली मारकर अल्लाह के पास पहुंचा दिया था। जबकि मई माह में खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार को लाहौर में सुबह सैर के दौरान हमलावरों ने गोली मार दी थी। वह अपने घर के पास ही मारा गया था। वहीं कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर व सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके को भी अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया था।