पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उन पर एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मामला गोपनीय दस्तावेजों से जुड़ा है। वह पहले से ही तोशखाना मामले में जेल में बंद हैं। इस दौरान इमरान खान को एक और झटका लगा है। उनके खिलाफ देश के अमेरिका स्थित दूतावास से एक गोपनीय राजनयिक दस्तावेज (सिफर) की सामग्री को सार्वजनिक करने के आरोप में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। एक मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी सामने आई। इस मामले में यदि दोष सिद्ध होता है तो उन्हें 14 वर्ष तक की जेल हो सकती है।
खान (70) इस महीने की शुरुआत में भ्रष्टाचार के एक मामले में अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद तीन साल की सजा काट रहे हैं। ‘जियो न्यूज’ ने सूत्रों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान पर उनके खिलाफ संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर सिफर (गोपनीय राजनयिक दस्तोवज) मामले में सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा-5 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है मामला
इमरान पर दर्ज नए मुकदमे के अनुसार आरोपों में कहा गया कि एफआईए की आतंकवाद निरोधक शाखा ने जांच के बाद सिफर के दुरुपयोग में खान की कथित संलिप्तता का पता चलने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि धारा-5 के तहत अपराध साबित होने पर दो से 14 साल तक की कैद की सजा हो सकती है और कुछ मामलों में मौत की सजा भी हो सकती है। गोपनीय राजनयिक दस्तावेज का हवाला देते हुए खान अमेरिका पर उनकी सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाते रहे हैं। खान ने अपने दावों का समर्थन करने के लिए एक सार्वजनिक रैली में इस गोपनीय दस्तावेज को लहराया था। अमेरिका ने बार-बार ऐसे आरोपों का खंडन किया है और उन्हें ‘‘स्पष्ट रूप से झूठा’’ बताया है। (भाषा)
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