Maldives News: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्म्द मोइज्जू जब से राष्ट्रपति बने है, तभी से भारत विरोधी कदम उठा रहे हैं। पहले अपने देश से भारतीय सैनिकों को जो दशकों से वहां तैनात थे, उन्हें वापस भेजने की कवायद की। फिर भारत को दरकिनार कर पहली अधिकृत यात्रा चीन की उन्होंने की। उनके मंत्रियों ने पीएम मोदी की इस बात को लेकर बुराई की जब उन्होंने लक्षद्वीप में स्कूबा डाइविंग कर वहां टूरिज्म की संभावनाओं पर बात की। हालांकि मालदीव के मंत्रियों को बाद में बर्खास्त भी किया गया। लेकिन भारतीयों ने बायकॉट मालदीव के तहत मालदीव में पर्यटन बहुत कम कर दिया। इसी बीच मोइज्जू जो इंडिया आउट के नारे के साथ ही राष्ट्रपति बने थे, उन्होंने भारत विरोधी एक और कदम उठाया है। मोइज्जू ने मालदीवी की सेना को भारतीय हेलिकॉप्टरों और क्रू का नियंत्रण दे दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार मालदीव के रक्षा बल ने कहा कि भारत से दिए गए हेलीकॉप्टर और उसका परिचालन करने वाले असैन्य चालक दल पर अब संचालन का अधिकार मालदीव को होगा। मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के लिए योजना, नीति और संसाधन प्रबंधन के प्रधान निदेशक कर्नल अहमद मुजुथाबा मोहम्मद ने मीडिया से कहा कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए चर्चा जारी है।
सेना हटाने के लिए मोइज्जू ने दी 10 मई तक की मियाद
उधर, मालदीव के सरकार न्यूज चैनल के अनुसार उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रपति मोइज्जू की सरकार ने मालदीव में 10 मई केबाद किसी भी विदेश सैन्य टुकड़ी की तैनाती की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है। पिछले हफ्ते, भारत ने कहा कि तकनीकी विशेषज्ञों की उसकी पहली असैन्य टीम हेलीकॉप्टर का संचालन करने वाले सैन्य कर्मियों की जगह लेने के लिए मालदीव पहुंच गई है।
इसी बीच भारतीय विदेश मंत्राल के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 29 फरवरी को प्रेसवार्ता में बताया था कि 'उन्नत और हल्के हेलिकॉप्टरों के संचालन के लिए भारत की तकनीकी टीम मालदीव पहुंच गई है। यह उन मौजूदा कर्मियों की जगह लेगी जो इस प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहे थे।
क्या कहा था मोइज्जू ने?
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले दिनों कहा था कि 10 मई के बाद नागरिक वेशभूषा हो या सेना की वर्दी किसी भी भेष में भारतीय सैनिक मालदीव में मौजूद नहीं रहेंगे। कुछ अटकलों पर जवाब देते हुए मोइज्जू ने यह बात कही थी। मोइज्जू का बयान ऐसे समय में आया था, जब सैन्य कर्मियों के पहले बैच के 10 मार्च तक मालदीव छोड़ने से पहले भारतीय तकनीकी कर्मियों की पहली टीम द्वीपीय देश मालदीव में पहुंची थी। बता दें कि उनके देश ने हाल ही में मुफ्त सैन्य सहायता प्राप्त करने के लिए चीन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।