अफगानिस्तान में तालिबान के एक फैसले ने एक बार फिर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। तालिबान ने लड़कियों के लिए हायर स्टडी के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं। दरअसल, तालिबान ने मंगलवार को एक नया आदेश जारी किया है, जिसमें ये कहा गया है कि यूनिवर्सिटिज में लड़कियां की पढ़ाई बंद कर दी गई है। ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है। अफगानिस्तान में प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटिज में महिलाओं के प्रवेश पर तत्काल प्रभाव से और अगली सूचना आने तक बैन लगा दिया गया है। तालिबान सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
तालिबान सरकार की एक बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की गई। हायर एजुकेशन मिनिस्ट्री के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशमी द्वारा शेयर किए गए पत्र में प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटिज को बैन जल्द से जल्द लागू करने और बैन लगाने के बाद मिनिस्ट्री को इन्फार्म करने को कहा है। हाशमी ने अपने पत्र को ट्वीट भी किया और ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को एक मैसेज में इसकी पुष्टि की।
हजारों लड़कियों ने दिया है एडमिशन टेस्ट
खबरों के मुताबिक, अफगानिस्तान में अभी कुछ माह पहले ही हजारों लड़कियों और महिलाओं ने यूनिवर्सिटी में पढ़ने लिए एडमिशन टेस्ट दिया था। लड़कियों को ये उम्मीद थी कि उन्हें जल्द ही एडमिशन मिल जाएगा लेकिन इस नए फरमान से उनका सपना चकनाचूर हो गया है। बता दें कि ये यूनिवर्सिटिज आगे लड़कियों और महिलाओं के लिए खुलेगी या नहीं इस पर स्पष्ट जानकारी अभी नहीं दी गई है।
इससे पहले भी जारी हो चुका है फरमान
आपको जानकारी दे दें कि इससे पहले भी तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा को लेकर बेतुका फरमान जारी किया था। इस फरमान में कहा गया था कि पुरुषों के स्कूलों में महिला व लड़की नहीं पढ़ सकेंगी। साथ ही इन्हें महिला टीचर ही पढ़ाएंगी। साथ ही तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के जिम जाने पर बैन लगा लगा दिया। बता दें कि तालिबान के 1 साल से अधिक समय पहले सत्ता संभालने के बाद से महिलाओं की आजादी और अधिकारों पर नकेल कसा जा रहा है। गौरतलब है कि तालिबान के फरमान को लेकर समय-समय पर महिलाएं विरोध भी दर्ज करा चुकी हैं।
अमेरिका ने इस फैसले पर जताया विरोध
अमेरिका ने इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के नेड प्राइस ने कहा कि पिछले मार्च में लड़कियों के लिए माध्यमिक स्कूलों को बंद करने के तालिबान के फैसले का तालिबान प्रतिनिधियों के साथ हमारे जुड़ाव पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। तालिबान ने अफगानिस्तान के लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वादा किया था कि स्कूल फिर से खुलेंगे।