इस्लामाबाद: एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक शिया परिवार के उन 6 सदस्यों के बारे में एक खौफनाक रिपोर्ट जारी की, जिनकी कुछ महीने पहले तालिबान ने हत्या कर दी थी। ग्रुप ने साथ ही अफगानिस्तान पर शासन करने वाले तालिबान के नए शासकों पर मानवाधिकारों की घोर अवहेलना और अल्पसंख्यकों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में इसने कहा है कि मारे गए लोगों में 12 साल का एक बच्चा भी शामिल है। उसने कहा कि ये हत्याएं बीते 26 जून को घौर प्रांत में हुईं।
मुरादी ने लड़ी थी तालिबान से लड़ाई
एमनेस्टी ने कहा कि तालिबान की यह हरकत इस बात का सबूत है कि कैसे वह एक साल पहले सत्ता पर कब्जा करने के बाद से सबको साथ लेकर चलने वाली सरकार बनाने में नाकाम रहा है। Amnesty के मुताबिक, 26 जून की रात को तालिबान बलों ने घौर में एक हजारा समुदाय और एक पूर्व सुरक्षा अधिकारी मोहम्मद मुरादी के घर पर हमला किया। मुरादी ने एक स्थानीय मिलिशिया का भी नेतृत्व किया था जिसने 2020 और 2021 में तालिबान से लड़ाई लड़ी थी।
मुरादी ने की थी ईरान भागने की कोशिश
तालिबान के कब्जा करने के बाद मुरादी ने ईरान भागने का प्रयास किया था, लेकिन वह असफल रहा और हाल में घौर में लाल-वा सरजंगल जिले में घर लौट आया जहां वह छिपा हुआ था। एमनेस्टी की रिपोर्ट में प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा गया है कि तालिबान का हमला रात में शुरू हुआ, जिसमें मुरादी के घर पर रॉकेट ऑपरेटेड ग्रेनेड फेंके गए, जिसमें उनकी 22 वर्षीय बेटी ताज गुल मुरादी की तुरंत मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, मुरादी खुद और दो अन्य बच्चे, एक बेटा और एक बेटी शुरू में घायल हो गए थे और इसके बाद बेटी की मौत हो गई थी।
मुरादी को घर से बाहर खींचकर मारा
रिपोर्ट के मुताबिक, घायल मुरादी ने तालिबान के सामने सरेंडर कर दिया था, लेकिन उसे घर से बाहर खींच कर मार डाला गया। एमनेस्टी ने कहा कि 3 अन्य लोग, मुरादी के भतीजे, गुलाम हैदर मोहम्मदी, और 2 अन्य रिश्तेदार भी मारे गए थे। एमनेस्टी ने कहा कि उसकी रिपोर्ट 8 अलग-अलग इंटरव्यू और हत्याओं के बाद ली गई तस्वीरों और वीडियो फुटेज के विश्लेषण पर आधारित है। एमनेस्टी के महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने कहा, ‘तालिबान को ये हत्याएं बंद कर सभी अफगानों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।’ एमनेस्टी की रिपोर्ट पर तालिबान की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है।