Highlights
- शाह ने कहा-आतंकवादी विचारधारा के सीमापार प्रसार को ‘राजनीतिक समस्या’ नहीं माना जा सकता
- इंटरपोल महासभा के 90वें सत्र के समापन दिवस में बोले शाह
- आतंकवादरोधी एजेंसियों के साथ स्थायी संचार चैनल बनाने की भी मांग
Amit Shah at Interpol meeting: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आतंकवाद को मानवाधिकार का सबसे अधिक उल्लंघन करने वाला करार दिया। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि ऑनलाइन माध्यम से आतंकवादी विचारधारा के सीमापार प्रसार को ‘राजनीतिक समस्या’ नहीं माना जा सकता। इंटरपोल महासभा के 90वें सत्र के समापन दिवस पर संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सभी देशों को आतंकवाद और आतंकवादियों की समान परिभाषा तय करने के लिए एक साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवादियों और आतंकवाद से तब तक नहीं लड़ सकते जब तक दोनों की समान परिभाषा न हो। आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता और अच्छे एवं बुरे आतंकवाद में भेद करना या बड़े और छोटे हमले के रूप में वर्गीकरण करना साथ-साथ नहीं चल सकता।
अमित शाह के इस बयान ने चीन और पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी है। शाह ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से कट्टरपंथ को बढ़ावा देकर आतंकवादी विचारधारा का सीमापार प्रसार के बारे में आम सहमति होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ हम इसे राजनीतिक समस्या नहीं मान सकते हैं। हम सभी को आतंकवाद के खिलाफ दीर्घकालिक, विस्तृत और स्थायी लड़ाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध होना पड़ेगा।’’ शाह ने कहा कि इंटरपोल ‘सीमा से परे सहयोग’ का सबसे बेहतरीन मंच है जो ‘सीमापार आतंकवाद’ को हराने के लिए जरूरी है।
आतंकवादरोधी एजेंसियों के साथ बने स्थायी संचार चैनल
गृहमंत्री ने कहा कि कई देशों में इंटरपोल की नोडल एजेंसी और आतंकवाद रोधी एजेंसी अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ इस परिस्थिति में आतंकवाद से लड़ने के लिए हमें दुनिया की सभी आतंकवाद रोधी एजेंसियों को एक साथ लाना होगा।’’ शाह ने इंटरपोल से विभिन्न देशों की आतंकवाद रोधी एजेंसियों के साथ स्थायी संचार चैनल विकसित करने का आह्वान किया जहां पर वास्तविक समय में देशों के बीच सूचना और खुफिया जानकारी साझा की जा सके। उन्होंने कहा कि भारत सभी प्रकार के वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रौद्योगिकी एवं मानव संसाधन उपलब्ध कराने को तैयार है।
पीएम मोदी ने दिया दुनिया को नया दृष्टिकोण
शाह ने कहा कि भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नशा मुक्त भारत का दृष्टिकोण पेश किया है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के गैर कानूनी कारोबार को रोकने के लिए एक ऐसा मंच बनाने की जरूरत है जहां पर देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा की जा सके। स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा प्राप्त हाल की सफलताओं को रेखांकित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘ संयुक्त अभियानों, क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा, आपसी कानूनी सहायता के लिए सूचनाओं को साझा करने की जरूरत है। धनशोधन से लेकर मादक पादर्थ आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाने की जरूरत है।’’ उल्लेखनीय है कि इंटरपोल महासभा के सत्र का आयोजन नयी दिल्ली में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हो रहा है। शाह ने कहा कि अपराध की मौजूदा घटनाएं ‘सीमा विहीन’ हैं और इंटरपोल के सभी सदस्यों को इस चुनौती से निपटने के लिए साथ आना चाहिए।
भारत बना रहा आतंक का डेटाबेस
अमित शाह ने कहा कि इन मुद्दों से निपटने में वैश्विक पुलिस संगठन (इंटरपोल) की भूमिका ‘बहुत अहम’ है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार पुलिस को सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाने की कोशिश रही है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद और मादक पदार्थ तस्करी के मामलों का राष्ट्रीय डेटाबेस बना रहा है ताकि पुलिस इन सूचनाओं का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल कर सके। शाह ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा पुलिस बल की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा,‘‘जिस तरह से आपराधिक गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं, मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि दुनिया के देशों को क्यों सहयोग और समन्वय नहीं करना चाहिए।