जेरूसलम: इजरायल में हमास के हमलों के बीच एक कपल की बेहद इमोशनल स्टोरी सामने आई है। अपने बच्चों को बचाने के लिए ये कपल आतंकियों से भिड़ गया और अपनी जान भी गंवा दी। लेकिन उनके 10 महीनों के जुड़वां बच्चों की जान बच गई। क्योंकि कपल ने इन बच्चों को छिपा दिया था।
इस कहानी को डेविड सारंगा नाम के एक्स यूजर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने बताया कि इताई और हदार महज 30 साल के थे। आतंकी उनके घर में घुस आए। इस कपल ने अपने 10 महीने के जुड़वां बच्चों को शेल्टर में छिपा दिया। इसके बाद कपल ने आखिरी सांस तक आतंकियों से मुकाबला किया और आखिर में अपनी जान गंवा दी।
डेविड ने अपने पोस्ट में बताया कि आतंकियों ने इस कपल की हत्या केवल इसलिए की क्योंकि वह यहूदी थे। इस कपल के बच्चे शेल्टर में 14 घंटे तक अकेले रहे। इसके बाद फोर्स ने उनको रेस्क्यू किया।
कपल ने जमकर किया आतंकियों का मुकाबला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कपल ने अपने बच्चों को आतंकियों से बचाने के लिए कड़ा मुकाबला किया और 7 आतंकियों को मौत के घाट भी उतार दिया। इसके बाद कपल भी मारे गए।
इजरायल के समर्थन में कई देश
बता दें कि इजराइल को समर्थन देने के लिए अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली के साथ ब्रिटेन भी आ गया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इजरायल में जारी संघर्ष पर चर्चा के लिए अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और इटली के नेताओं से बात की है। सुनक ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ अपने संयुक्त बयान में इजरायल के लिए 'दृढ़ता और एकजुटता' के साथ समर्थन व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने आतंकवाद को लेकर हमास की स्पष्ट तौर पर निंदा की। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली के नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा, ‘हम स्पष्ट करते हैं कि हमास की आतंकवादी कार्रवाइयों का कोई औचित्य नहीं है और इसकी सार्वभौमिक रूप से निंदा की जानी चाहिए। आतंकवाद का कभी कोई औचित्य नहीं होता।'
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