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Indo-US military exercise: सीमा पर चीन की हरकतों के बीच भारत ने अमेरिका के साथ मिलकर उठाया ये कदम तो बौखला गया ड्रैगन

Indo-US military exercise: भारत और चीन के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह सीमावर्ती इलाकों में चीन की ओर से की जाने वाली नापाक हरकतें हैं। दो वर्ष पहले गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में हुई हिंसक झड़प के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद तल्ख हैं।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra
Published : Aug 26, 2022 18:29 IST, Updated : Aug 27, 2022 10:19 IST
Army exercise
Image Source : INDIA TV Army exercise

Highlights

  • अक्टूबर में अमेरिका और भारत के बीच सैन्य युद्धाभ्यास
  • बॉर्डर के करीब होने वाले सैन्य अभ्यास से बौखलाया चीन
  • चीन नहीं चाहता भारत और अमेरिका के बीच बढ़े नजदीकी

Indo-US military exercise: भारत और चीन के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह सीमावर्ती इलाकों में चीन की ओर से की जाने वाली नापाक हरकतें हैं। दो वर्ष पहले गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों में हुई हिंसक झड़प के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद तल्ख हैं। चीन पाकिस्तान से लेकर श्रीलंका और नेपाल व अफगानिस्तान में अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ाने में जुटा है। ताकि वह भारत को चौतरफा घेर सके। इसी दौरान कूटनीति में माहिर भारत की अमेरिका से बढ़ती नजदीकी ड्रैगन को बेहद खल रही है। सीमावर्ती क्षेत्र में चीनी हरकतों की वजह से उपजे तनाव के के बीच अब भारत अमेरिका के साथ मिलकर कुछ ऐसा करने जा रहा है कि ड्रैगन के हाथ-पांव फूलने लग गए हैं। 

दरअसल भारत और अमेरिका ने अक्टूबर माह में मिलकर संयुक्त सैन्य अभ्यास करने का ऐलान कर दिया है। इससे चीन बौखला गया है। चीन इसे दोनों देशों के बीच समझौतों का उल्लंघन बता रहा है। वह इस प्रयास को दो देशों के बीच तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप बता रहा है। वहीं इस मामले में भारत ने चीन को कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि हम अपने पूर्व समझौतों पर कायम हैं। वास्तव में यह अभ्यास वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास प्रस्तावित है। इससे चीन घबरा गया है। 

अमेरिका के साथ भारतीय सेना दिखाएगी दम

इस संयुक्त अभ्यास में अमेरिका के साथ भारतीय सेना के जवान अपना दमखम दिखाएंगे। इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करेंगी। यह अभ्यास कई दिनों तक चलेगा। नियंत्रण रेखा के पास यह अभ्यास प्रस्तावित होने के चलते चीन को अपनी सुरक्षा का खतरा सता रहा है। साथ ही वह अमेरिका और भारत की नजदीकी से चिंतित है। चीन नहीं चाहता कि भारत और अमेरिका में इस तरह से नजदीकी बढ़े। 

उत्तराखंड में होगा अभ्यास
भारत और अमेरिका के सैनिक उत्तराखंड के ओली में युद्ध अभ्यास करेंगे। यह क्षेत्र भारत और चीन सीमा के नजदीक है। चीन का कहना है कि सीमा के पास किसी तीसरे देश को इसकी अनुमति नहीं है। जबकि भारत ने चीन के इस आरोप को खारिज कर दिया है। दोनों देशों के बीच यह सैन्य अभ्यास 18 से 31 अक्टूबर के बीच किया जाना है। इस बार दोनों देशों के बीच होने वाले इस युद्धाभ्यास में अधिक संख्या में सैनिक भाग लेंगे। इससे पहले भारत और अमेरिका अलास्का के ठंडे वातावरण में युद्धाभ्यास कर चुके हैं। 

चीन और भारत की सेना में तुलना
भारतीय सेना चीन के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। चीन के पास 1200 लड़ाकू विमान हैं और भारत के पास 564 हैं। भारत के पास 2182 और चीन के पास कुल 3285 विमान हैं। भारत का रक्षा बजट 70 अरब डालर जबकि चीन का 230 अरब डालर है। भारत के पास 17 और चीन के पास 79 पनडुब्बियां हैं। चीन की सेना में 20 लाख सैनिक हैं, जबकि भारत के पास 14.50 लाख सैनिक हैं। भारत में 25 लाख 27 हजार अर्धसैनिक बल हैं, जबकि चीन के पास केवल 24 हजार अर्धसैनिक बल हैं। भारत के पास 10 डिस्ट्रॉयर जहाज हैं और चीन के पास 41 हैं। भारत के पास 4614 टैंक और चीन के पास 5250 टैंक हैं। भारत के पास एक विमानवाहक पोत है और चीन के पास दो है। चीन के पास 35 हजार बख्तरबंद गाड़ियां हैं और भारत के पास 12 हजार हैं। 

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