ताइवान को लेकर अब दिनों दिन टेंशन बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में ताइवान के चारों ओर चीन ने व्यापक युद्ध अभ्यास किया था। अब खबर है कि चीन की इस मिलिट्री एक्सरसाइज के बाद अमेरिकी नौसेना ने ताइवान जलडमरूमध्य में अपना पहला युद्धपोत भेजा है। ‘यूएस सेवेंथ फ्लीट’ के अनुसार, यूएसएस मिलियस रविवार को जलडमरूमध्य से गुजरा। बयान के अनुसार, पोत ‘‘जलडमरूमध्य में एक गलियारे से होकर गुजरा जो किसी भी तटीय देश के समुद्री क्षेत्र से परे है।’’
अमेरिका में हुई एक मुलाकात और चिढ़ गया चीन
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी और ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की इस महीने की शुरुआत में अमेरिका में हुई मुलाकात से नाराज चीन ने ताइवान के आसपास एक व्यापक सैन्य अभ्यास चलाया था। चीन ने बुधवार को कहा था कि ताइवान को घेरने वाले हवाई और समुद्री अभ्यास का मकसद स्वशासी द्वीप पर स्वतंत्रता-समर्थक नेताओं और उनके विदेशी समर्थकों को ‘‘गंभीर चेतावनी’’ देना था। चीन ने अमेरिका में साई की यात्रा से जुड़े संगठनों पर भी प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिसमें ‘रोनाल्ड रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी’ भी शामिल है जहां मैक्कार्थी और कांग्रेस के अन्य सदस्यों के साथ उनकी बैठक हुई थी।
वहीं चीन की ओर से सैटेलाइट छोड़े जाने के कारण रविवार को उत्तरी ताइपे में उड़ानों में विलंब हुआ। इस सैटेलाइट का मलबा राजधानी ताइपे के उत्तरी क्षेत्र के समुद्र में गिरा था। हालांकि इस प्रक्षेपण के पीछे कोई स्पष्ट सैन्य उद्देश्य नहीं था।
चीन ने सैन्य अभ्यास को बताया ‘‘एक कड़ी चेतावनी’’
बता दें कि करीब एक हफ्ते पहले ताइवान के चारों ओर हुई मिलिट्री एक्सरसाइज को लेकर चीन ने कहा था कि ताइवान के आसपास उसका व्यापक स्तर पर किया गया सैन्य अभ्यास द्वीप राष्ट्र को ‘‘एक कड़ी चेतावनी’’ है। चीन के ताइवान से जुड़े मामलों के कार्यालय की प्रवक्ता झू फेंगलियन ने कहा था, ‘‘ पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने हाल ही में ताइवान जलडमरूमध्य और आसपास के समुद्री क्षेत्र में कई अभ्यास किए, जो ताइवान की स्वतंत्रता की समर्थक अलगाववादी ताकतों और बाहरी ताकतों की मिलीभगत और उकसावे के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी है।’’
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