America-UN statement on Imran Khan shot: पाकिस्तान में मार्च निकाले जाने के दौरान गुरुवार को गोली मारे जाने से घायल हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हालत भले स्थिर हो, लेकिन इस घटना के बाद पूरा पाकिस्तान अस्थिर हो चुका है। पाकिस्तान के लोकतंत्र का दम घुटने लगा है। वहां के मौजूदा हालात ने दुनिया के कई अन्य देशों को भी चिंता में डाल दिया है। मगर इस हमले से अमेरिका खुश हुआ या नाराज और संयुक्त राष्ट्र का क्या कहना है, आइए हम आपको बताते हैं।
इमरान खान पर ये हमला उस वक्त हुआ, जब वह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ वजीराबाद में मार्च निकाल रहे थे। इसी दौरान अज्ञात हमलावरों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इससे पूरे मार्च में हड़कंप मच गया। वह तो गनीमत थी कि गोली इमरान खान के पैर में लगी, वरना जान भी जा सकती थी। इस हमले में इमरान खान के साथ करीब नौ लोग घायल हुए हैं। हमले के बाद इमरान खान ने सीधे इसे हत्या करने की सरकारी साजिश करार दिया है। इससे पूरे पाकिस्तान में तहलका मच गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पर लगाया गंभीर आरोप
इस हमले के बाद पूर्व पीएम इमरान खान ने अपनी पार्टी की ओर से बयान जारी करवा कर कहा है कि उनकी हत्या कराने की साजिश रची गई थी। इमरान के मुताबिक उन्हें इसके इनपुट पहले से ही आ रहे थे। इसलिए वह काफी समय पहले से अपनी हत्या किए जाने की आशंका जताते रहे हैं। उन्होंने इस जानलेवा हमले के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृहमंत्री राना सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैजल का नाम लिया है। इमरान का कहना है कि यह तीनों उनकी हत्या करवाना चाहते हैं। इसलिए उन पर गोलियां चलवाईं। इस हमले में इमरान के पैर में दो गोलियां लगी हैं। बाकी गोलियां अन्य लोगों को लगी। इस दौरान एक शख्स की जान भी चली गई। गोली लगते ही कंटेनर पर खड़े इमरान खान लड़खड़ा कर गिर गए। इससे रैली में हलचल मच गई। हैरानी की बात है कि यह हमला भरी भीड़ के सामने हुआ। हालांकि भीड़ ने बाद में हमलावर को पकड़ लिआ और उसकी बंदूक छीन ली।
संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा
इमरान खान पर हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र का बड़ा बयान सामने आया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस की ओर से कहा गया कि यह हमला निंदनीय है। हालांकि इससे पाकिस्तान की स्थिति ज्यादा प्रभावित नहीं होगी। इसके साथ ही गुटरेस ने इस हमले की पूर्ण और पारदर्शी जांच कराए जाने की भी मांग की। गुटरेस की ओर से कहा गया कि हम राजनेताओं या उनके समर्थकों के खिलाफ किसी भी राजनीतिक हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने उम्मीद जताई कि इससे पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति के लिए और चुनौतियां नहीं आएंगी।
इमरान खान पर हमले के बाद अमेरिका का रिएक्शन
इमरान खान पर हमले के बाद वैसे तो अमेरिका ने भी घटना की कड़ी निंदा की है। मगर इस निंदा में कई गहरे राज छुपे हैं। विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि इमरान पर हमले से अमेरिका को अंदर ही अंदर खुशी हुई होगी। क्योंकि पूर्व पीएम इमरान का झुकाव अमेरिका की बजाए रूस और चीन की तरफ ज्यादा था। जबकि मौजूदा सरकार यानि पीएम शहबाज शरीफ का झुकाव चीन और रूस की बजाय अमेरिका की ओर ज्यादा है। इसी लिए अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 के रखरखाव के नाम पर पाकिस्तान को 45 लाख करोड़ डॉलर भी दिए हैं। साथ ही उसकी बाढ़ में भी बड़ी आर्थिक मदद की है।
हाल ही में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलवाने में भी अहम भूमिका अदा की है। यह संगठन टेरर फंडिंग करने वाले देशों पर कड़े प्रतिबंध लगाने के साथ उस पर निगरानी करता है। मगर अब पाकिस्तान इस लिस्ट से बाहर आ गया है। कहा जा रहा है कि शहबाज शरीफ को अमेरिका के लिए चीन और अफगानिस्तान व भारत, रूस जैसे देशों की जासूस करने का अमेरिका ने इनाम दिया है। इसलिए अमेरिका नहीं चाहेगा कि पाकिस्तान में इमरान की सरकार बने।