Highlights
- अमेरिका ने साउथ चाइना सी में बीजिंग की बढ़ती आक्रामक कार्रवाइयों की आलोचना
- वह अमेरिकी नौसेना प्रमुख कार्लोस डेल टोरो की टिप्पणी की कड़ी निंदा करता है: चीन
- "अमेरिका अपने आधिपत्य को बनाए रखने के प्रयास में इस क्षेत्र में शक्ति प्रदर्शन को तेज कर रहा"
America Vs China: अमेरिकी नौसेना के एक हाई लेवल अधिकारी ने दक्षिण चीन सागर (SCS-South China Sea) में बीजिंग की बढ़ती आक्रामक कार्रवाइयों की आलोचना की थी। इसपर पलटवार कर चीन ने शुक्रवार को उसे फटकार लगाते हुए कहा कि यह विवादित जल में अमेरिका की सैन्य तैनाती है - जिसे यह “नौवहन धौंस” कहता है - जो टकराव को जन्म दे सकती है। मनीला में चीनी दूतावास ने कहा कि वह अमेरिकी नौसेना प्रमुख कार्लोस डेल टोरो की टिप्पणी की कड़ी निंदा करता है। जिसमें “चीन के खिलाफ निराधार आरोप लगाए और दुर्भावनापूर्ण बयान दिए गए थे, इसने “चीन के खतरे” को बढ़ा दिया।
"बीजिंग ने अपने एशियाई पड़ोसियों के संप्रभु जल में अतिक्रमण किया"
मनीला की यात्रा के दौरान मंगलवार को एक इंटरव्यू में डेल टोरो ने रेखांकित किया कि कैसे बीजिंग ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा कि कैसे बीजिंग ने अपने एशियाई पड़ोसियों के संप्रभु जल में अतिक्रमण किया है। उन्होंने फिलीपींस समेत एशियाई सहयोगियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य तवज्जो, विशेष रूप से विवादित दक्षिण चीन सागर में, कभी कम नहीं होगी। और वास्तव में, यूक्रेन में युद्ध के बावजूद यह और बढ़ी है।
"अमेरिका मतभेदों को बढ़ाने और तनाव को भड़काने की कोशिश कर रहा"
हालांकि, चीनी दूतावास ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना की तैनाती का उद्देश्य “ताकत दिखाना, सैन्य उकसावा और समुद्री व हवाई तनाव पैदा करना,” तथा नौवहन की स्वतंत्रता के नाम पर “नौवहन धौंस” जमाना है। दूतावास के बयान में कहा गया, “अपने आधिपत्य को बनाए रखने के प्रयास में, अमेरिका इस क्षेत्र में शक्ति प्रदर्शन को तेज कर रहा है, और जानबूझकर मतभेदों को बढ़ाने और तनाव को भड़काने की कोशिश कर रहा है।”