America Vs Iran:ईरान ने अमेरिका पर बेहद सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी वजह से हजारों ईरानियों की जान चली गई। ईरान का कहना है कि अमेरिकी प्रतिबंधो के कारण हजारों ईरानी लोगों की मौत कोविड-19 के दौरान हो गई थी। यह बात ईरान के मानवाधिकार आयोग के एक शीर्ष अधिकारी ने कही है। साथ ही ईरानियों की मौत के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया है। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी आइआरएनए ने न्यूयॉर्क में ईरानी मीडिया से बात करते हुए ईरानी उच्च मानवाधिकार परिषद के सचिव और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के लिए ईरानी न्यायपालिका के उप प्रमुख काजेम गरीबाबादी ने यह टिप्पणी की।
आइआरएनए के अनुसार यात्रा के दौरान वह संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठकों में भाग लेंगे। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार गरीबाबादी ने कहा कि, "प्रतिबंधों ने ईरान को वित्तीय चैनलों के माध्यम से धन हस्तांतरित करने से रोक दिया, जिससे देश के लिए कोविड-19 टीके और आवश्यक दवा का आयात करना मुश्किल हो गया।"उन्होंने कहा कि, "अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों ने ईरानियों के मानवाधिकारों का समर्थन करने का दावा किया। खासकर ईरान में हाल के दंगों के दौरान, जबकि लाखों ईरानियों का जीवन अमेरिका के प्रतिबंधों और कुछ यूरोपीय देशों के अनुपालन से प्रभावित हुआ है।"
उनका मानना है कि, "हम देखते हैं कि वे देश जो खुद को मानवाधिकारों का पैरोकार मानते हैं, विशेष रूप से अमेरिका और कुछ अन्य पश्चिमी राज्य, बड़े पैमाने पर अपने स्वयं के क्षेत्रों में या अन्य देशों में इस तरह के अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं।"पिछले चार दशकों में ईरान लगातार अमेरिकी प्रतिबंधों को झेल रहा है। 2018 के बाद से प्रतिबंध तेज हो गए, जब वाशिंगटन ने तेहरान और विश्व शक्तियों के बीच 2015 के परमाणु समझौते से हाथ खींच लिए थे।
ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक लगभग 7,560,000 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 144,609 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है।अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण, जिसने अप्रत्यक्ष रूप से ईरान के दवा और अन्य मानवीय वस्तुओं के आयात को प्रभावित किया है। देश शुरू में कोविड-19 टीके और आवश्यक दवाएं नहीं खरीद सका। 2021 में प्रति दिन लगभग 700 लोगों की मौत हुई।