UAE News: अमेरिका यदि अपने आपको इंद्र मानता है तो उसका सिंहासन डोल रहा है। दरअसल, अमेरिका केे मुस्लिम दोस्त अब चीन और रूस के खेमे में जा रहे हैं। बड़े मुस्लिम देश सऊदी अरब के बाद एक और अमीर देश संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई भी अब पलटी मार रहा है। यूएई रूस से दोस्ती बढ़ा रहा है। हालांकि भारत और यूएई के संबंध भी बहुत अच्छे हैं। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस बात से पहले ही चिंतित थे कि ईरान जो कि अमेरिका का दुश्मन है, वह चीन जाकर सऊदी अरब से दोस्ती कर आया। वहीं सऊदी अरब जो कि अमेरिका का परंपरागत मित्र रहा है, वह चीन जाकर अपने दुश्मन और शिया बहुल देश ईरान से दोस्ती कर आया।
चीन ने दोनों देशों को अपने यहां बुलाकर मध्यस्थता कराई और दोनों की दोस्ती कराई। इससे चीन का कद बड़ा हुआ और अमेरिका के हाथ से उसका पारंपरिक दोस्त सऊदी अरब निकल गया। हालांकि अमेरिकी चीफ जरूर आनन फानन में सऊदी अरब और प्रिंस सलमान से मुलाकात करके डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की। लेकिन इसी बीच यूएई भी अब रूस से हाथ मिला रहा है। इस बात से भी बाइडन प्रशासन हैरान हो रहा है।
पिछले वर्ष सऊदी प्रिंस ने किया था बाइडन का स्वागत
दरअसल, पिछले साल यूएस के राष्ट्रपति जो बाइडन सऊदी अरब की यात्रा पर गए थे। उन्होंने वहां सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी। सऊदी अरब हालांकि बाद में चीन की मध्यस्थता से ईरान से रिश्ते सुधार लिए, जो अमेरिका का दुश्मन है। इसके बाद से ही अमेरिका हैरान है। डैमेज कंट्रोल के लिए सीआईए के चीफ तो अचानक से रियाद पहुंचकर मोहम्मद बिन सलमान को सुना दिया। इसके बाद ही एक और खबर ने अमेरिका को झटका दे दिया है। दरअसल, संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई अमेरिका के सबसे करीबी दोस्तों में से एक माना जाता है, लेकिन अभी हाल ही में यूएई के राष्ट्रपति ने सीरिया के राष्ट्रपति का स्वागत किया था जो अमेरिका का धुर विरोधी हैं।
यूएई के राष्ट्रपति जायद को बाइडन ने बुलाया, तो वे नहीं गए
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी एशिया में अमेरिका का दोस्त यूएई अब सऊदी अरब की राह पर चलता हुआ दिखाई दे रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद को पिछले साल गर्मियों में वॉशिंगटन आने का न्योता दिया था लेकिन अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है। यह दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों को दर्शाता है। अमेरिका में खाड़ी देशों के विशेषज्ञ कहते हैं कि राजनीतिक तनाव को देखते हुए इस बात की संभावना नहीं है कि यूएई के राष्ट्रपति वॉशिंगटन की यात्रा करें।
रूस पर प्रतिबंध के बावजूद यूएई ने रूस से बढ़ाया कारोबार
विशेषज्ञों के अनुसार अमेरिका में खाड़ी देशों के विशेषज्ञ डॉक्टर कारसिक बताते हैं कि यूएई और रूस तथा चीन के बीच रिश्ते इस समय बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। यूएई ने एशियाई देशों के साथ इस समय अपने रिश्ते को मजबूत करना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि यूएई से रूस को इलेक्ट्रानिक सामानों की आपूर्ति पिछले एक साल में 7 गुना बढ़ गई है। यही नहीं यूएई से रूस को होने वाले माइक्रोचिप के निर्यात में भी 15 गुना की तेजी आई है।
भारत का भी परंपरागत दोस्त है यूएई
यूएई भारत का भी परंपरागत दोस्त है। ऐसे समय में जब अमेरिका ने रूस और यूक्रेन जंग के कारण रूस पर प्रतिबंध लगाए थे, इन प्रतिबंधों को ठेंगा दिखाते हुए यूएई ने रूस को 158 ड्रोन विमानों की सप्लाई की। यही नहीं भारत भी यूएई के रास्ते रूस को तेल के पैसे दे रहा है। भारत और यूएई के बीच बहुत करीबी संबंध है और यहां पर भारतीय बैंकों की शाखाएं हैं।