Wednesday, December 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. अमेरिका ने सीरिया में मार गिराया तुर्की का ड्रोन, दोनों नाटो संगठन के देश, फिर भी उलझ पड़े

अमेरिका ने सीरिया में मार गिराया तुर्की का ड्रोन, दोनों नाटो संगठन के देश, फिर भी उलझ पड़े

नाटो संगठन के एक देश ने दूसरे के खिलाफ ही हमला कर दिया है। तुर्की के हमलावर ड्रोन से अमेरिकी सुरक्षाबलों को खतरा लगा। इस पर कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सुरक्षाबलों ने हमलावर ड्रोन को मार गिराया। जानिए कैसे हुआ यह दुर्लभ मामला?

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Oct 06, 2023 12:22 IST, Updated : Oct 06, 2023 12:35 IST
अमेरिका ने मार गिराया तुर्की का ड्रोन
Image Source : FILE अमेरिका ने मार गिराया तुर्की का ड्रोन

America Attack on Trukey Drone: अमेरिका और तुर्की दोनों नाटो संगठन के सदस्य हैं। इसके बावजूद अमेरिका ने तुर्की के ड्रोन को सीरिया में मार गिराया है। किसी नाटो देश द्वारा संगठन के ही दूसरे देश कि खिलाफ हमला करने का यह दुर्लभ मामला है। जानकारी के अनुसार सीरिया में अमेरिकी सुरक्षा बलों ने तुर्की के हथियारों से लैस ड्रोन को मार गिराया। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी सेना ने तुर्की के हथियारयुक्त ड्रोन को मार गिराया जो उत्तर पूर्व सीरिया में अमेरिकी सुरक्षा बलों के 500 मीटर निकट पहुंच गया था। 

तुर्की की बमबारी से सहमे अमेरिकी सुरक्षा बल

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देशों का एक दूसरे के खिलाफ किया गया यह दुर्लभ मामला है। पेंटागन के प्रेस सचिव वायुसेना के ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक रेडेर ने इसे ‘खेदपूर्ण घटना’ बताया। साथ ही कहा कि अमेरिकी सुरक्षा बलों को सुरक्षा के लिए बंकरों में जाना पड़ा क्योंकि तुर्की उनके आस-पास बमबारी कर रहा था। रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने तुर्की के अपने समकक्ष से बात की और क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई के अमेरिकी सुरक्षा बलों या वैश्विक गठबंधन के अभियान को किसी संभावित जोखिम से रोकने के लिए दोनों देशों के बीच निकट समन्वय के महत्व पर जोर दिया। 

अमेरिकी सेनाओं की सुरक्षा के लिए जरूरी था हमला: अमेरिका

रेडेर ने कहा, ‘यह निर्णय अमेरिकी सेनाओं की सुरक्षा के लिए उचित कार्रवाई और आत्मरक्षा के अंतर्निहित अधिकार के तहत लिया गया।’ अमेरिकी अधिकारियों ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध पर एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को बताया, ‘हमें संकेत मिला कि तुर्की ने जानबूझकर अमेरिकी सुरक्षा बलों को निशाना बनाया।’ उन्होंने कहा कि तुर्की के सैन्य अधिकारियों को कई बार फोन कर बताया गया था कि इलाके में अमेरिकी सुरक्षा बल मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ऐसा करना जारी रखा और ड्रोन को वहां से नहीं हटाया। 

अमेरिकी सुरक्षा बलों से सिर्फ 1 किमी दूर हुए ड्रोन अटैक

इस कारण अमेरिकी सुरक्षा बलों को आत्मरक्षा में यह फैसला लेना पड़ा। रेडेर ने कहा कि अमेरिकी सुरक्षा बलों ने पाया कि स्थानीय समयानुसार सुबह करीब साढ़े सात बजे तुर्की के ड्रोन हवाई हमले कर रहे हैं और कुछ हमले अमेरिकी निषिद्ध संचालन क्षेत्र से महज एक किलोमीटर की दूरी पर हो रहे थे। उन्होंने बताया कि कमांडरों ने इसे यूएस एफ-16 लड़ाकू विमान के लिए खतरा माना और सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर उसे मार गिराया। 

एकदूसरे के लिए खड़े रहते हैं नाटो संगठन के देश, यहां उलझ पड़े

गौरतलब है कि तुर्की और अमेरिका दोनों 'नाटो' सैन्य संगठन के सदस्य हैं। नाटो एक ऐसा संगठन है जिसमें यदि इस संगठन के किसी भी देश पर हमला होता है, तो पूरा नाटो सैन्य संगठन उसके पक्ष में खड़ा हो जाएगा। लेकिन तुर्की और अमेरिका दोनों ही नाटो सैन्य संगठन के सदस्य होने पर एकदूसरे के लिए खड़े होने की बजाय एक दूसरे से ही उलझ गए। यही नहीं, अमेरिका ने तो तुर्की जो नाटो का सदस्य देश है, उसका हमलावर ड्रोन मार गिराया। क्योंकि अमेरिकी सुरक्षाबलों को उससे खतरा था। नाटो सैन्य संगठन के दो देशों का इस तरह एकदूसरे पर हमला दुर्लभ मामला है।

Also Read: 

भारत के पक्ष में बोले रूसी राष्ट्रपति पुतिन, जानिए कनाडा के किस बड़े नेता को कह दिया 'इडियट'?

वैगनर चीफ येवेगनी प्रिगोझिन की मौत पर पुतिन ने किया बड़ा खुलासा, जानिए क्या कही बात?

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement