ताइवान पर तकरार के बीच चीन अब फिलीपींस को किसी फांस में फंसाने से बच रहा है। इस तनावपूर्ण हालात में वह फिलीपींस से पंगा नहीं लेना चाहता। ड्रैगन को ऐसा करने पर अमेरिका का डर सता रहा है। इसलिए चीन ने अब फिलीपींस से रिश्ते सुधारने की पहल शुरू कर दी है। दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के कारण फिलीपीन और अमेरिका के बीच गहरे होते सैन्य सहयोग के मद्देनजर चीन के विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा कि उनका देश फिलीपीन के साथ मतभेदों को दूर करने को लेकर काम करने के लिए तैयार है।
चीन के विदेश मंत्री छिन कांग ने फिलीपीन के विदेश मंत्री एनरिक मनालो के साथ मनीला में बातचीत की। चीन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका और फिलीपीन के बीच गहराते सुरक्षा गठबंधन से उनकी सुरक्षा और क्षेत्रीय हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए और उन्हें दक्षिण चीन सागर में लंबे समय से चल रहे क्षेत्रीय विवादों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। चीन ने फिलीपीन द्वारा अमेरिकी सेना को अतिरिक्त स्थानीय सैन्य शिविरों तक पहुंच प्रदान करने के हालिया समझौते की भी आलोचना की।
फिलीपींस ने चीन के खिलाफ दर्ज कराया है 200 से अधिक राजनयिक विरोध
कांग ने पत्रकारों से कहा, "हम फिलीपीन के साथ दोनों नेताओं की सहमति को लागू करने, चीन-फिलीपीन संबंधों को सही दिशा में ले जाने, द्विपक्षीय संबंधों की समग्र स्थिति की रक्षा करने, दोस्ती की हमारी परंपरा को जारी रखने के लिए मिलकर काम करने, पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग को गहरा करने और विश्वसनीयता, परामर्श और संवाद की भावना से मतभेदों को दूर करने के लिए तैयार हैं।
वहीं, मनालो ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बैठक "सामान्य मुद्दों और चुनौतियों को दूर करने" का अवसर प्रदान करेगी। गौरतलब है कि फिलीपीन ने पिछले साल से अब तक चीन के खिलाफ 200 से अधिक राजनयिक विरोध दर्ज कराए हैं, जिसमें जून में मार्कोस के पदभार ग्रहण करने के बाद से कम से कम 77 विरोध शामिल हैं। फिलीपीन की अधिकांश शिकायतें दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक व्यवहार को लेकर हैं।