तेल अवीव: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजराइल के शीर्ष अधिकारियों से गाजा में जंग के बाद की योजना को स्वीकार कर उसे लागू करने का आग्रह किया है। इतना ही नहीं उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से मंजूर किए गए पहले संघर्ष विराम प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए हमास पर और अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की भी वकालत की। पिछले साल अक्टूबर में इजराइल-हमास जंग की शुरुआत के बाद से अपने आठवें और हालिया पश्चिमी एशिया दौरे पर पहुंचे ब्लिंकन ने प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए काहिरा में मिस्र के राष्ट्रपति आब्देल फतेह अल-सिसी से बातचीत करने के बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योआव गैलेंट से मुलाकात की थी।
आ रही हैं मुश्किलें
इजराइल की ओर से बंधकों की रिहाई के लिए अभियान चलाए जाने के बाद प्रस्ताव को लागू करने में नई अड़चनें आ रही हैं। इजराइल के अभियान में कई फलस्तीनी मारे गए हैं और नेतन्याहू की सरकार में उथल-पुथल मच गई है। विदेश विभाग ने बताया, ''ब्लिंकन ने नेतन्याहू से कहा कि अमेरिका और दुनिया के अन्य नेता संघर्ष विराम प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। यह प्रस्ताव गाजा में तुरंत संघर्ष विराम, सभी बंधकों की रिहाई और पूरे गाजा में मानवीय सहायता वितरण में वृद्धि का सूत्रधार बनेगा।''
क्या है हमास का रुख
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से अमेरिका समर्थित संघर्ष विराम प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद हमास ने कहा कि वह प्रस्ताव का स्वागत करता है और इसे लागू करने के लिए इजराइल के साथ सीधी बातचीत ना कर मध्यस्थों के साथ कार्य करने के लिए तैयार है। हमास की ओर से जारी यह बयान अब तक दिए गए सबसे कड़े बयानों में से एक था। हमास ने बयान में इस बात पर जोर दिया है कि संगठन इजराइल के कब्जे को समाप्त करने के लिए 'अपना संघर्ष' जारी रखेगा और ‘‘फलस्तीन को पूर्णतया संप्रभु देश बनाने के लिए काम करता रहेगा।’’
हमास ने नहीं की औपचारिक टिप्पणी
हालांकि, आतंकी संगठन हमास ने औपचारिक रूप से इस प्रस्ताव पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हमास को 10 दिन पहले यह प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। ब्लिंकन ने हमास से इसे स्वीकार करने का फिर से आग्रह किया है और कहा कि प्रस्ताव को अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त है और इजराइल इसे स्वीकार कर चुका है। हालांकि, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे लेकर संशय जताया है। (एपी)
यह भी पढ़ें:
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय भारत को लौटाएगा हिंदू संत की 500 साल पुरानी प्रतिमा, जानें कहां से हुई थी चोरीविदेश मंत्री बनते ही एस जयशंकर ने चीन-पाकिस्तान को लेकर साफ किया रुख, बताया क्या करने वाला है भारत