नई दिल्लीः अमेरिका ने रूस और चीन की रक्षा निर्माता कंपनियों समेत कई अन्य पर कड़े कानूनी प्रतिबंध लगा दिया है। इससे चीन बौखला उठा है। ड्रैगन ने सोमवार को अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह चीनी कंपनियों पर नये गैर कानूनी प्रतिबंध लगाकर स्पष्ट रूप से ‘‘दादागीरी और दोहरे मानक’’ दिखा रहा है। चीन ने कहा कि अमेरिका ऐसा करके बहुत गलत कर रहा है, क्योंकि इससे चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए उसका यह कदम ठीक नहीं है।
रूस के वैगनर समूह के खिलाफ भी कार्रवाई
चीन के मुताबिक ये प्रतिबंध रूस के वैगनर समूह के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई के तहत लगाए गए हैं जो कंपनियों और व्यक्तियों से संबंधित हैं। यूक्रेन युद्ध और अफ्रीका में मानवाधिकारों के हनन समेत अन्य गतिविधियों में भूमिका निभाने को लेकर कंपनियों को निशाना बनाया गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा, ‘‘ प्रतिबंधों का अंतरराष्ट्रीय कानून में कोई आधार नहीं है। ये प्रतिबंध गैर कानूनी और एकपक्षीय हैं।’’ माओ ने कहा, ‘‘दंडात्मक कदम चीन के हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं। चीन सख्ती के साथ इसे खारिज करता है और भर्त्सना करता है।
चीन ने अमेरिका पर लगाया बदनाम करने का आरोप
चीन की ओर से अमेरिकी पक्ष के समक्ष गंभीर शिकायत दर्ज कराई गई है। चीन ने कहा, ‘‘अमेरिका ने युद्ध में शामिल एक पक्ष को हथियार भेजने के अपने प्रयास तेज कर दिये हैं, जिसकी परिणति अंतहीन युद्ध के रूप में हुई है, लेकिन यह चीन द्वारा रूस को हथियार आपूर्ति के बारे में अक्सर गलत सूचनाएं फैला रहा है। साथ ही अमेरिका चीनी कंपनियों पर बिना वजह प्रतिबंध लगाने का अवसर ढूंढ़ रहा है।’’ अमेरिका के वित्त और विदेश विभागों ने समन्वित बयान जारी कर कहा था कि वैगनर समूह से संबंधित दर्जनों कंपनियों को निशाना बनाया गया है, जिनमें से कुछ मध्य अफ्रीकी गणराज्य और संयुक्त अरब अमीरात में हैं। वैगनर रूस की एक निजी सैन्य कंपनी है, जो पूर्वी यूक्रेन में जारी भीषण जंग में शामिल है।
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