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रूस के साथ मिलकर चीन बना रहा अमेरिका के खिलाफ ये प्लान, बाइडन हलकान

China And Russia New strategy: चालबाज चीन अमेरिका को मात देने के लिए अब नई पैंतरेबाजी में जुट गया है। इसके लिए वह रूस के साथ अपनी दोस्ती को और भी प्रगाढ़ कर रहा है। रूस और चीन दोनों ही महाशक्ति हैं और दोनों देश अमेरिका के कट्टर दुश्मन हैं। कोरोना से जूझते हुए भी चीन का इरादा अमेरिका को लेकर ठीक नहीं है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 26, 2022 17:32 IST
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : AP चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (फाइल)

China And Russia New strategy: चालबाज चीन अमेरिका को मात देने के लिए अब नई पैंतरेबाजी में जुट गया है। इसके लिए वह रूस के साथ अपनी दोस्ती को और भी प्रगाढ़ कर रहा है। रूस और चीन दोनों ही महाशक्ति हैं और दोनों देश अमेरिका के कट्टर दुश्मन हैं। कोरोना से जूझते हुए भी चीन का इरादा अमेरिका को लेकर ठीक नहीं है। यूक्रेन युद्ध के चलते रूस को भी अमेरिका से लड़ने के लिए चीन जैसे दोस्त की जरूरत है। इसलिए दोनों देश मिलकर कुछ ऐसा खतरनाक प्लान तैयार कर रहे हैं कि अमेरिका परेशान हो उठा है।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को लेकर अपने देश के रुख का रविवार को बचाव किया। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले वर्ष में मॉस्को के साथ बीजिंग के द्विपक्षीय संबंध और गहरे होंगे। बीजिंग में एक सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लेने वाले वांग ने विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं (अमेरिका और चीन) के बीच संबंध बिगड़ने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका की दोषपूर्ण चीन नीति दृढ़ता से खारिज कर दी है। वांग ने कहा कि चीन ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, मानवाधिकारों और पश्चिम प्रशांत क्षेत्र की एक बड़ी ताकत होने के उसके दावे को लेकर पश्चिमी देशों के दबाव को खारिज कर दिया है।

अमेरिका की दादागीरी के खिलाफ रणनीति बना रहा चीन

रणनीतिक जानकारों का कहना है कि वर्ष 2023 में चीन ताईवान को अपने देश में विलय करने के लिए सेना बल का प्रयोग कर सकता है। इसमें अमेरिका सबसे बड़ा बाधक है। इसलिए चीन को रूस की जरूरत है। इस वक्त रूस को भी चीन की उतनी ही जरूरत है। इसीलिए दोनों देशों की दोस्ती गहरी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। चीन ने स्वयं इस बात का ऐलान भी कर दिया है। इन दो देशों की दोस्ती जितनी ही प्रगाढ़ होगी, अमेरिका के लिए खतरा उतना ही बढ़ेगा। दरअसल चीन को लगता है कि अमेरिका दादागीरी पर उतारू है। इसीलिए चीन के विदेश मंत्री ने अमेरिका पर धौंस जमाने का आरोप भी लगायार है। चीन के यूक्रेन पर हमले की निंदा करने और रूस पर पाबंदियां लगाने में अन्य देशों का साथ देने से इनकार करने के कारण पश्चिमी देशों से बीजिंग के संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं। वांग ने कहा कि चीन रूस के साथ ‘‘परस्पर विश्वास पर आधारित रणनीतिक और लाभकारी सहयोग को और गहरा करेगा।

पूर्वी चीन सागर में उतरी चीन और रूस की सेना
दोनों देशों के युद्धपोतों ने पिछले सप्ताह पूर्वी चीन सागर में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया था। आधिकारिक बयान के अनुसार, वांग ने कहा, ‘‘यूक्रेन संकट के सिलसिले में हमने वस्तुनिष्ठता एवं निष्पक्षता के मौलिक सिद्धांतों को सदैव अक्षुण्ण रखा है और किसी का पक्ष नहीं लिया। न ही हमने स्थिति का कोई फायदा उठाने की कोशिश की। वांग और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते फोन पर बात की थी। विदेश विभाग ने कहा कि ब्लिंकन ने अमेरिका-चीन संबंधों को जिम्मेदारी से संभालने और यूकेन के खिलाफ रूस के युद्ध को लेकर चिंता जताई थी, जिससे वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को नुकसान हो रहा है। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि वांग ने अमेरिका पर धौंस जमाने का आरोप लगाया और कहा कि यूक्रेन संकट को अपने तरीके से सुलझाने में चीन रचनात्मक भूमिका निभाता रहेगा।

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