Sunday, November 24, 2024
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पुतिन को छोड़ दुनिया भर के नेताओं ने की जी20 में शिरकत, मगर रूस को लेकर हुई खूब चर्चा, सभी देशों ने पीएम मोदी की बात को दोहराया

G20 Summit-Vladimir Putin: रूस ने इंडोनेशिया में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया है। लेकिन सभी देशों ने उसके यूक्रेन में जारी युद्ध को लेकर जरूर चर्चा की है।

Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: November 16, 2022 23:22 IST
जी20 में सभी देशों ने पीएम मोदी की बात दोहराई- India TV Hindi
Image Source : AP जी20 में सभी देशों ने पीएम मोदी की बात दोहराई

इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में दुनिया भर के नेता पहुंचे मगर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इससे दूरी बनाए रखी। सम्मेलन से रूस बेशक दूर रहा लेकिन लगभग सभी देशों के बीच इस पर चर्चा जरूर हुई। इसके पीछे का एक कारण यूक्रेन में जारी युद्ध है। जो 24 फरवरी को उस पर हुए रूस के हमले के बाद शुरू हुआ था। जी20 के बाली घोषणापत्र में बुधवार को रूस-यूक्रेन युद्ध पर सदस्य देशों का मतभेद साफ नजर आया, हालांकि उसमें कहा गया है कि युद्ध में फंसे असैन्य नागरिकों की सुरक्षा सहित अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना आवश्यक है।

सदस्य देशों के बीच मतभेदों की स्पष्टता के बीच, दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के अंत मे जारी घोषणापत्र में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में देशों का जो रूख था, ‘‘यहां भी राष्ट्र अपना वही रुख दोहराते हैं।’’ उसमें कहा गया है कि ‘ज्यादातर सदस्य (राष्ट्र)’ यूक्रेन में युद्ध की कटु आलोचना करते हैं लेकिन रेखांकित किया कि ‘इससे इतर भी विचार हैं’’ और परिस्थितियों का आकलन अलग है। घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘मौजूदा समय युद्ध का नहीं होना चाहिए।’’ 

पीएम मोदी ने एससीओ में कही थी ये बात

यही बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से कही थी। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो की मेजबानी में आयोजित शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सहित अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। राष्ट्रपति विडोडो ने कहा कि नेताओं की बातचीत के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध पर लगातार चर्चा होती रही। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया। उनका प्रतिनिधित्व देश के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने किया है।

रूस ने यूक्रेन के खिलाफ विशेष सैन्य अभियान फरवरी को शुरू किया था। रूस के सैन्य अभियान की अमेरिका नीत पश्चिमी देशों द्वारा कटु आलोचना की जा रही है। घोषणापत्र के अनुसार, ज्यादातर सदस्य देशों का कहना है कि यूक्रेन संघर्ष से लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है और वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है। उसमें कहा गया है, जी20 के सदस्य देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे मंचों पर रखे गए अपने राष्ट्रीय विचारों को दोहराते हैं, जिनमें रूसी आक्रमकता की निंदा की गई थी। घोषणापत्र में कहा गया है कि ज्यादातर सदस्य इससे इत्तेफाक रखते हैं कि यूक्रेन युद्ध से विकास की गति धीमी हुई है, महंगाई बढ़ी है, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंता भी बढ़ी है।

उसमें कहा गया है, अंतरराष्ट्रीय कानून और शांति एवं स्थिरता की सुरक्षा करने वाले बहुमुखी तंत्र का पालन करना आवश्यक है। जी20 में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। ये देश हैं- अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किए, ब्रिटेन और अमेरिका।

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