मक्का और मदीना के बाद इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल अल-अक्सा मस्जिद को लेकर यहूदी और फिलिस्तीन के बीच सालों से चल रहा विवाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। दरअसल, इजराइल के कट्टर दक्षिणपंथी मंत्री इतामार बेन-ग्विर ने मंगलवार को यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद का दौरान किया था, जिसे लेकर फिलिस्तीनियों में काफी नाराजगी है। इसे लेकर सऊदी अरब, जॉर्डन, फिलीस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात और पाकिस्तान ने इजराइल के खिलाफ कड़ी आपत्ति दर्ज की है।
मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज 5 जनवरी को इजरायली मंत्री के यरूशलम के अल-अक्सा मस्जिद परिसर की विवादास्पद यात्रा पर चर्चा करने के लिए बैठक करेगा। इस मामले में संयुक्त अरब अमीरात और चीन के अनुरोध के बाद न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आज दोपहर 3 बजे (2000 GMT) सदस्यीय परिषद की बैठक बुलाई गई है।
अल-अक्सा मस्जिद पूर्वी यरूशलम में
इजरायल के नए राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर की मंगलवार की यात्रा से युद्ध छिड़ने की आशंका है। दरअसल, अल-अक्सा मस्जिद पूर्वी यरूशलम में स्थित है और इस पर इजरायल का कब्जा है। यह इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है। वहीं, यह यहूदी के लिए भी सबसे पवित्र स्थान है। यहूदी इसे टेंपल माउंट कहते हैं।
इसे लेकर लंबे समय से दोनों देशों के बीच तनाव है। इस पर काफी समय से चली आ रही यथास्थिति के तहत गैर-मुस्लिम किसी खास समय पर इस साइट पर जा सकते हैं, लेकिन उन्हें वहां प्रार्थना करने की इजाजत नहीं है, जबकि फिलिस्तीन की ओर से लगातार यह आरोप लगाया गया है कि इजरायली गुप्त रूप से यहां जाकर प्रार्थना करते हैं। इस बीच, इजरायल के मंत्री की मस्जिद की यात्रा ने तनाव को बढ़ा दिया है।
इजरायल को पश्चिमी सरकारों की चेतावनी
इजरायल के मंत्री की मस्जिद यात्रा के बाद पश्चिमी सरकारों ने चेतावनी दी कि इस तरह के कदमों से यरूशलम के पवित्र स्थलों पर स्थित बिगड़ सकती है। बेन-ग्विर की इस यात्रा के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका समते कई और देशों ने इसकी निंदा की है। बता दें कि अमेरिका इजरायल का एक पुराना सहयोगी रहा है।
मामले में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस के एक प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बुधवार को दोहराया कि महासचिव सभी को ऐसे कदमों को उठाने से परहेज करने का आह्वान करते हैं, जो यरूशलम में और उसके आस-पास तनाव बढ़ा सकते हैं।" गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने वर्षों से इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष पर कई प्रस्तावों को अपनाया है और मध्य पूर्व में शांति के लिए दो राज्य समाधान का समर्थन करता है।