कराची: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अत्याचार का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इसी कड़ी में ताजा मामला कराची शहर का है, जहां सोमवार को भीड़ ने एक अहमदी इबादतगाह में तोड़फोड़ की। कराची के महापौर मुर्तजा वहाब ने कहा कि सदर इलाके में हुई घटना के बाद पुलिस ने हमले के सिलसिले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में नकाबपोश लोगों को अहमदिया हॉल की छत पर मीनारों को नुकसान पहुंचाने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है, जबकि इमारत के बाहर अन्य लोग नारे लगा रहे हैं।
दोपहर की नमाज के बाद हुआ हमला
बता दें कि इबादत स्थल चलह-पहल वाले सदर इलाके में प्रीडी पुलिस थाने से सिर्फ 2 गलियों की दूरी पर स्थित है। पाकिस्तान में ‘जमात अहमदिया’ के प्रवक्ता अमीर महमूद ने कहा कि दोपहर की नमाज के तुरंत बाद करीब 10 लोगों ने इमारत पर हमला कर दिया। इसी बीच पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कश्मोर में कुछ हिंदुओं की किडनैपिंग होने के विरोध में समुदाय के सदस्य अन्य धर्मों के लोगों के साथ शुक्रवार से प्रदर्शन कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंध में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की अल्पसंख्यक इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ चांद माहर ने कहा कि डेरा मोर इलाके में बीते शुक्रवार से प्रदर्शन किया जा रहा है।
40 दिन से बंधक है मुस्लिम डॉक्टर
बता दें कि डेरा मोर इलाका सिंध-पंजाब सीमा के पास है। माहर ने कहा कि हिंदू समुदाय के 3 सदस्यों का डकैतों ने अपहरण कर लिया है। इन लोगों की पहचान मुखी जगदीश कुमार, सागर कुमार और जयदीप कुमार के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि मुनीर नाइज नाम का एक मुस्लिम डॉक्टर भी पिछले 40 दिनों से बंधक है। माहर ने बताया कि कश्मोर के SSP अमजद शेख ने कहा है कि बंधकों को शीघ्र मुक्त करा लिया जाएगा। पाकिस्तान के सिंध में हिंदुओं को अक्सर निशाना बनाया जाता रहा है, लेकिन ताजा मामला धर्म के आधार पर किडनैपिंग की बजाय कानून व्यवस्था से जुड़ा लग रहा है।